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गाजीपुर: बाढ़ से तबाही के बाद अब बारिश का कहर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर शुक्रवार को दूसरे दिन भी बारिश का कहर जारी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बारिश आग में घी का काम कर रही है। देखा जाए तो शहर से लेकर गांव तक जलजमाव के साथ सड़कों पर कीचड़ फैला है। बारिश का सबसे अधिक असर बाढ़ पीड़ितों पर पड़ रहा है। पिछले एक पखवारे से उफनाई गंगा, गोमती, बेसो, मगई और टोंस नदी में बाढ़ आने से तटवर्ती गांव पानी से घिरे हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों को नदियों का पानी कम होने से काफी राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन दो दिनों से निरंतर बारिश होने से लोग मुसीबत में फंसे हैं।

गुरुवार को दिन से शुरू हुई बारिश दूसरे दिन देर शाम तक जारी रही। कभी तेज तो कभी धीमी बरसात की वजह से सड़कें सूनी हो गई हैं। यह देख ऐसा लगता है, जैसे कर्फ्यू लगा हो। इधर, बारिश के बाद उफनाई मगई नदी ने अपना रौद्ररूप धारण कर लिया है, जिससे खेतों और घरों में पानी घुसने लगा है। उधर, तीन दिनों से नदी का पानी निरंतर कम हो रहा है, बावजूद गंगा अभी तक खतरे के निशान से नीचे नहीं आई हैं। देखा जाए तो अब भी हालात जस के तस बने हुए हैं। बारिश के बाद भी गंगा जलस्तर घट रहा। 

फिलहाल नदी का जलस्तर 63.151 मीटर है। जबकि लाल निशान का मानक 63.150 मीटर है। निचले क्षेत्रों में फैला बाढ़ का पानी अब भी लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। ग्रामीण इलाके में कई घरों में बाढ़ का पानी घुसा है। कई बेघरों ने रिश्तेदारों, पड़ोसियों के घरों में तथा शरणालयों में शरण ली है। बाढ़ का पानी खेतों में जमा होने और फसलों के डूबने से किसानों का काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ और बारिश से बची-खुची उम्मीद भी टूट गई है और किसानों के अरमानों पर भी पानी फिरता दिखाई दे रहा है। हर कोई इससे वाकिफ है कि कितनी मशक्कत के बाद किसानों सब्जी, मक्का, बाजरा और धान की फसल तैयार की थी। वह अच्छी फसल की उम्मीद पाले हुए थे। अब सारी उम्मीदें पानी में डूबती दिखाई दे रही है।

बाढ़ प्रभावित इलाके में पिछले कई दिनों से मार्गों पर पानी और कीचड़ होने की वजह से आवागमन बाधित चल रहा था। अब बारिश होने के कारण अब और परेशानी बढ़ गई है। जमानिया तहसील के दर्जन भर गांव अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां नाव ही एकमात्र सहारा है क्योंकि वर्तमान में भी कई सड़कें बाढ़ की जद में हैं। नगर के निचले हिस्से में हर तरफ पानी ही पानी लगा है। बारिश से शहर और गांवों की स्थिति और बदतर हो गई है। दर्जनों जगह पर जलजमाव होने से टूटी सड़कों पर चलना दूूभर हो गया है। शहर की गलियां भी कीचड़मय हो गई हैं।

बाढ़ में नाव बनी सहारा
गंगा के तटीय इलाकों में बाढ़ का असर अब भी कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को बाढ़ से घिरे रेवतीपुर ब्लाक के कई गांवों में लोगों को लाने ओर ले जाने के लिए नावें लगाई गई हैं। इलाके के कई विद्यालयों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इन विद्यालयों में पठन-पाठन भी पूरी तरह से बाधित है। बाढ़ से अब तक पांच तहसीलें प्रभावित चल रही हैं। इसमें सदर, सैदपुर, जमानिया, सेवराई और मुहम्मदाबाद शामिल हैं। बाढ़ की विभीषिका का दंश आम जनजीवन पर पड़ रहा है। मुख्य सड़कों पर पानी के आने से कई पंचायतों में यातायात के लिए अब भी नाव का परिचालन किया जा रहा है। देखा जाए तो काफी संख्या में लोगों के घरों में पानी जमा है। बारिश के कारण स्थिति और नारकीय हो गई है। सरकारी स्तर पर जगह-जगह राहत शिविर बनाए गए हैं, लेकिन इसका फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है।

बाढ़ पीड़ितों के लिए नहीं है भोजन की व्यवस्था
बाढ़ से घिरे क्षेत्रों में विभिन्न स्थलों पर शरणालय और राहत शिविर बनाया गया है। वहां बहुत सारे बाढ़ पीड़ितों को रखा भी गया है। प्रशासन का दावा है कि इनके लिए भोजन-पानी सहित कई प्रकार की व्यवस्था है। शिविर में लोग अपने पसंद का सादा भोजन बना सकते हैं। इसकी उन्हें आजादी दी गई है। इस पर जो भी खर्च आएगा, उसका भुगतान सरकारी स्तर पर किया जाएगा लेकिन ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है। इस प्रकार के शिविर जमानिया, सेवराई, मुहम्मदाबाद आदि तहसीलों में देखा जा रहा है।
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