गाजीपुर: बाढ़ पीड़ितों पर बारिश का सितम, अब दुर्गंध से सामना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर धीरे-धीरे ही सही कम होते जलस्तर से मिलने वाली राहत पर तब पानी फिर गया जब बारिश पीड़ितों के जख्म पर नमक सा बन कर टपक पड़ी। शुक्रवार को गंगा का जलस्तर आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा है। तीसरे पहर तीन बजे तक जलस्तर 63.190 मीटर रिकार्ड किया गया जो खतरे के निशान 63.105 से कुछ ऊपर है। उधर, कम होते पानी के बीच जमा गंदगी और कीचड़ सड़ने से दुर्गंध उठने लगी है।
नगर के बाढ़ प्रभावित मोहल्लों लकड़ी की टाल, नखास, तुलसिया पूल, बंधवा खजुरिया में बाढ़ का पानी तो उतर गया। जमा गंदगी दिखने लगी थी लेकिन बीते दो दिनेां में हुई बूंदबांदी फिर झमाझम ने जमा कीचड़ों की बजबजाहट बढ़ा दी है। इस संबंध में मोहल्लेवासियों ने नगरपालिका से ब्लीचिग पाउडर एवं फागिग करवाने का आग्रह किया है। गहमर : पानी घटने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ने लगा है। बाढ़ के पानी के साथ बहकर आयी गंदगी इकट्ठा होकर सड़ने लगी है और उससे निकलने वाली संड़ाध से लोग परेशान होने लगे हैं। पानी घटने व उससे निकलने वाले सड़ांध से प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरजनित रोगों के अलावा पीलिया, टायफाइड, डिहाइड्रेशन आदि रोगों का खतरा मड़राने लगा है। रेवतीपुर : किसानों को बाढ़ से अभी राहत मिली नहीं कि आसमान से बारिश का सितम जारी हो गया है। ऐसे में बाढ़ से डूबी हुए सड़क व गली की दुर्गंध थोड़ा दूर तो होगी लेकिन किसानों के खेत नहीं सूखे तो अक्टूबर माह में उनका खेत तैयार होना मुश्किल हो जाएगा। उधर, पूर्व मंत्री विजय मिश्र के प्रतिनिधि जेपी चौरसिया ने वयेपुर देवकली सदर क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना। इस मौके पर प्रिस दुबे, मुंशी यादव, गोपाल जी वर्मा, दीपक उपाध्याय, राजू यादव, मयंक तिवारी आदि थे।
पानी हटने से फैला कीचड़ बना परेशानी का सबब
मुहम्मदाबाद : बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब प्रभावित गांवों में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। बाढ़ प्रभावित सेमरा गांव को जाने वाली मुख्य पिच सड़क कई जगहों पर टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई है तो वहीं शिवरायकापुरा बस्ती में जाने वाले खड़ंजा पर कीचड़ पसर गया है। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। उधर, मंगई नदी के बढ़ने से गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी से डूब गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि चारो तरफ से पानी से घिरने के बावजूद अब तक राजस्व लेखपाल या कोई अधिकारी उनका पुरसाहाल लेने तक नहीं पहुंचा।
करइल के निचले इलाकों में बाढ़ का असर बरकरार
भांवरकोल : मगई नदी करइल के निचले इलाके के गांवों में अब भी तबाही मचाए हुए है। सोनवानी का चंदरपुर बस्ती, नसीराबाद का सरदरपुर इनदिनों चौतरफा पानी से घिरा होने के कारण अब भी परेशानी झेल रहा है।
नुकसान का सर्वे करा रहा कृषि विभाग
लौवाडीह : बाढ़ के बाद कृषि विभाग द्वारा किसानों के नुकसान का जायजा लेने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। बावजूद किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि 2016 की बाढ़ के बाद हुए सर्वेक्षण की तरह इस बार भी कृषि विभाग राजस्व विभाग और इंश्योरेंश कंपनियों की मिली भगत से कहीं उनका अहित न हो जाय और वह प्रधानमंत्री फसल योजना और बाढ़ राहत के लाभ से वंचित रह जाए। ग्रामीणों का आरोप है कि सर्वे में काफी गड़बड़ियां की जाती हैं। इस वर्ष गंगा नदी ने भांवरकोल ब्लाक के शेरपुर, सेमरा, मच्छटी, रानीपुर, महेशपुर, धर्मपुरवा, जशदेपुर सहित अधिकांश गांव को चपेट में ले लिया है। वहीं मंगई नदी ने सियाड़ी, सोनवानी, लौवाडीह, मुर्तजीपुर, जोगामुसाहिब, मसौनी, देवरिया, गोंड़उर, सोनवानी, सरदरपुर, राजापुर, परसा, खेमपुर, सिलाइच आदि गांव के किसानों की फसल डूब गई है।
एसडीएम ने किया मंगई से घिरे गांव का जायजा
भांवरकोल : उपजिलाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता व तहसीलदार घनश्याम ने मगई में उफान से आई पानी की बाढ़ से घिरे सियाड़ी तथा सरदरपुर को दौरा कर ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू हुए । एसडीएम ने सरदरपुर में दो नावें लगाने का निर्देश दिया। शुक्रवार की शाम पुन: उक्त अधिकारी द्वय के साथ तहसीलदार(न्यायिक) शिवधर चौरसिया ने प्राथमिक विद्यालय तरांव (प्रथम) स्थितराहत केन्द्र पर पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण कराने के बाद सियाड़ी, सरदरपुर आदि बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया। उपजिलाधिकारी ने कहा कि जिन किसानों की फसलें पानी में डूबने से बर्बाद हो चुकी हैं उनका सर्वे कराकर क्षतिपूर्ति दिलाई जाएगी।