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गाजीपुर: गंगा के जलस्तर में घटाव शुरू, तटवर्ती इलाकों में राहत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा के जलस्तर में घटाव शुरू होने से तटवर्ती इलाकों के लोगों ने राहत की सांस ली है। रविवार की आधी रात से जलस्तर थमने के बाद सोमवार की दोपहर दो बजे से जलस्तर में घटाव शुरू हो गया है। शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 64.520 मीटर रिकार्ड किया गया। वहीं बीती रात नगर के मियांपूरा स्थित कटान होने से आस्ताना वाली मस्जिद का बड़ा हिस्सा धराशायी हो गया तथा मुहम्मदाबाद के शिवराय का पूरा में डीहबाबा का मंदिर कटान की भेंट चढ़ गया ।

गंगा की लहरों ने नगरीय क्षेत्र में भी कटान का कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गंगा की धारा से मियांपूरा स्थित आस्ताने वाली मस्जिद के पूर्वी छोर का बड़ा हिस्सा कटान की भेंट चढ़ गया । इस हिस्से के बहने से मस्जिद की फर्श में तमाम दरारें पड़ गई हैं। जानकारी होते ही वहां पर भीड़ जुट गई। सूचना मिलते ही एसडीएम सत्यप्रिय सिंह ने मौके पर पहुंच कर कटान का जायजा लिया और वहां के लोगों से मस्जिद में नमाज न पड़ने का आग्रह किया। कहा कि जब तक गंगा का पानी कम नहीं हो जाता है सुरक्षा की ²ष्टि से लोग वहां नमाज न पड़कर कर आसपास की मस्जिद में नमाज अदा करें। ताकि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना न होने पाए। 

रेवतीपुर : रामपुर, नरयनापुर, कल्यानपुर, महुआरीबारी, बहोरिक राय बिद बस्ती, हसनपुरा, बीरऊपुर, नसीरपुर, अठहठा, टौंगा में आवागमन के रास्ते बंद हो गये हैं । आने जाने के लिए एक मात्र नाव ही सहारा है । सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालकों को हो रही है। पशुपालन विभाग की तरफ से कल्यानपुर, टौंगा व दुल्लहपुर गांव के लोगों को भूसा दिया गया है। पशु चिकित्साधिकारी डा. आरपी सिंह ने बताया कि एक पशुपालक को आठ किलो अभी भूसा दिया जा रहा है। बारा : भतौरा गांव गहमर मार्ग से कट गया है तो वहीं मगरखाई संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ गया। इससे आवागमन बाधित हो गया है। भतौरा, कुतुबपुर एवं मगरखाई गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर जाने से लोगोंको नाव के सहारे आवागमन करना पड़ रहा है। पूर्व प्रधान कुतुबपुर जयप्रकाश राय, राहुल राय भतौरा गांव निवासी रामप्रताप यादव, अजीत यादव, जोगेंद्र राय, रमेश राय आदि लोगों ने बताया कि सैकड़ों बीघा धान की फसल बाढ़ के पानी में डूबी हुई है। लेकिन अब तक जिला या तहसील प्रशासन द्वारा नुकसान हुए फसल का आंकलन भी नहीं किया गया है।

- कटान से पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे मुहम्मदाबाद : बाढ़ का पानी नये क्षेत्रों में फैलता जा रहा है। देर रात तक उपजिलाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता मौके पर कैंप करके वहां की अनुसूचित बस्ती के 65 परिवारों को खाद्यान्न प्रदान कराया। वहीं कटान के चलते साधु राय के डेरा से सटे बस्ती के बृजनारायण राम, भूपेंद्र राम, हरि मुन्नन राम आदि का आशियाना गंगा की धारा में विलीन हो गया। परिवार सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे जीवन यापन कर रहा है। कटान के चलते अब परिया 61 में बसी बस्ती सीधे कटान की जद में आ गई है। डीहबाबा बस्ती के पास कटान होने से किनारे रह रहे गुरूप्रसाद, सोनू राम, राजू राम, सुरेंद्र पटेल, श्रीनारायण राम, श्रीभगवान चौधरी, जवाहिर चौधरी, सत्येंद्र राम, रवींद्र राम, जितेंद्र राम, राधेश्याम राम, रामजी राम, रोशन राम, रामलाल राम आदि परिवार भी खतरे की जद में आ गया है। इन परिवारों को वहां से हटाकर किनारे सुरक्षित किया जाना काफी जरूरी हो गया है। बाढ़ के पानी ने जियनदासपुर स्कूल को घेर लिया है। पानी फैलने से फसलों को काफी नुकसान तो हो ही रहा है, पशु पालकों के सामने पशुओं के चारे का संकट पैदा होता जा रहा है।

विधायक ने बाढ़ पीड़ितों का लिया हालचाल भांवरकोल: क्षेत्रीय विधायक अलका राय शहीद संस्मरण इंटर कालेज शेरपुर खुर्द व प्राथमिक विद्यालय तरांव स्थित बाढ़ राहत शिविर पर पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों को सामग्री वितरित की। इसके पश्चात वह अधिकारियों के साथ नाव से बाढ़ से घिरे धर्मपुरा व फिरोजपुर, अस्सी, पचासी, सत्तर आदि गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। कहा कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को राहत मुहैया करायी जाएगी। विधायक के साथ उपजिलाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता, आनंद राय मुन्ना, पीयूष राय, सतीश राय आदि थे।

गंगा के बढ़ाव से मगई की धारा हुई उल्टी लौवाडीह : एक तरफ गंगा के पानी ने लोगों का जीवन दुश्वार कर दिया है तो दूसरी ओर मंगई नदी भी उफान पर है। गंगा के बढ़ाव से मंगई नदी की धारा उल्टी हो गयी है और पानी खेतों में पसर रहा है। इससे फसलों के संभावित नुकसान को सोच किसानों की धुकधुकी बढ़ रही है। मंगई नदी का पानी मसौनी, लौवाडीह, सियाड़ी, गोंड़उर, महेन्द, जोगामुसाहिब गांव के सिवान में धान की फसल डूबने के कगार पर है। राजापुर, परसा, खेमपुर, सिलाइच आदि गांव की तरफ तेजी से पसर रहा है। मंगई नदी का पानी धान की फसल तो चौपट करेगा ही रबी की फसल को बोआई के लिए भी काफी विलंब होगा।

तीन नाव की कराई गई व्यवस्था सैदपुर : बाढ़ से खरौना गांव में 40-50 घर, गौरहट व तेतारपुर में अधिकांश घर प्रभावित है। प्रशासन ने उन्हें राहत सामग्री वितरित की। पटना गांव में अपने स्तर से तीन नाव की व्यवस्था कराई गई। खानपुर : गंगा किनारे बसे कुसहीं, हथौड़ा, पटना, शादिभादि में लोगो ने पानी के बढ़ाव को रुकने से प्रसन्नता जाहिर करते हुए राहत महसूस की। गौरहट, तेतारपुर, खरौना, सिधौना में गोमती की बाढ़ में डूब चुके घरों में लोग बचे सामानों की रखवाली भी कर रहे है। गांव के आसपास पानी में डूब चुके पेडों पर सांपो और जहरीले जीव-जंतुओं ने डेरा बना लिया है।
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