गाजीपुर: खतरे के निशान को पार कर गई गंगा, हाहाकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा खतरे के निशान को पार कर गई हैं। लगातार जलस्तर में हो रही वृद्धि से तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों मे दहशत का माहौल है। रविवार को गंगा का जलस्तर एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। शाम चार बजे तक जलस्तर 63.250 मीटर रिकार्ड किया गया। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के अनुसार जलस्तर में बढ़ाव अभी जारी रहेगा। गंगा का जलस्तर बढ़ने से सहायक नदियां भी उफान पर हैं। जलस्तर के बढ़ाव को देखते हुए जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। सभी एसडीएम एवं तहसीलदार को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं तटवर्ती इलाकों निचले क्षेत्रों में रहने वालों को वहां से हटने का निर्देश दे दिया गया है।
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी रहने से तटवर्ती इलाकों के साथ अगल-बगल के लोगों की भी मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। गंगा के खतरे के निशान का पार करने के बाद तटवर्ती इलाकों में हाहाकारी नौबत आ गई है। लोग खौफजदा हो गए हैं कि कब उन्हें पलायन करने को मजबूर होना पड़े। गंगा बढ़ने के साथ ही सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। सभी नाविकों को तैयार रहने का निर्देश जारी कर दिया गया है। तहसीलों के प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिया है। साथ ही वे लोगों को लगातार निर्देशित कर रहे हैं।
सैदपुर : गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव जारी है। तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोग भयभीत हैं। पटना, शादीभादी, औड़िहार, सैदपुर नगर, फुलवारी आदि गांवों में गंगा किनारे पानी फसलों तक पहुंच गया है। नगर के बूढ़ेनाथ महादेव घाट पर गंगा के पानी ने सभी बड़ी सीढि़यों को डूबो दिया है। नारी परिधान कक्ष भी बाढ़ में डूब गया है। लोग शाम को बाढ़ देखने के लिए घाट पर आ रहे हैं। युवा नदी में छलांग लगाकर बाढ़ के पानी में भी आनंद ले रहे हैं। लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि तीसरी बार गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। पानी और ज्यादा बढ़ा तो परेशानी बढ़ जाएगी।
सिधौना : गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के तटवर्ती किसान परेशान हो गए हैं। पिछले दिनों बाढ़ का पानी बढ़ा था। फिर कुछ दिन बाद घट गया था जिससे किसानों ने राहत की सांस ली। इधर फिर गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे किसान परेशान हैं। क्षेत्र के पटना, औड़िहार में गंगा नदी काफी ऊपर तक बढ़ गयी हैं। वहीं दर्जनों किसानों के सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न हो गये हैं।
बस्तियों में घुसा गंगा का पानी
रेवतीपुर : गंगा मे बढ़ाव के चलते क्षेत्र के नगदिलपुर, हसनपुरा, बीरऊपुर, नसीरपुर के सिवानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बीरऊपुर के अनुसूचित बस्ती के पास भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। वहीं बाढ़ के चलते किसानो द्वारा खेतों में रोपाई किये गये फसल टमाटर, मिर्च, बाजरा आदि बर्बाद हो गया है। अगर पानी और बढ़ा तो किसानों की कमर टूट जाएगी, क्योंकि सब्जी के खेती बहुल्य क्षेत्र होने से लोग अपने फसलों की रोपाई-बोआई में जुटे हैं।
कटान से दो बीघा कृषि भूमि गंगा में समाहित
मुहम्मदाबाद : सेमरा शिवरायकापुरा गांव से लेकर शेरपुर के सिवान तक जगह-जगह कटान हो रहा है। कटान के चलते रविवार को करीब दो बीघा कृषि भूमि गंगा में समाहित हो गई। परिया 53 स्थित राजकीय नलकूप की नाली में लगाया गया अंडर ग्राउंड पाइप टूटकर गंगा में समाहित हो रहा है। जलस्तर बढ़ जाने से बच्छलपुर गंगा तट के पास पीपा पुल को सुरक्षित करने के लिए कर्मचारी लोहे के तार से उसे पेड़ों में बांधने व लंगर को मजबूत करने में लगे रहे। शिवरायकापुरा के पास हुए कटान के दौरान विस्थापित परिवारों ने परिया 53 व 61 में नया आशियाना बनाया है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही कटान होने से उनको दुबारा विस्थापन का खतरा सताने लगा है। यहीं नहीं जिस तरह से साधु राय के डेरा के पास कटान हो रहा है, डीह बाबा से लेकर सेमरा शेरपुर मुख्य सड़क तक जीवन गुजार रहे विस्थापित परिवारों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। गंगा का पानी धर्मपुरा, फिरोजपुर भागड़ के रास्ते कुंडेसर शेरपुर के सिवान में पसर गया है। किसान पानी में घुसकर पशुओं के लिए चारा काटने का कार्य कर रहे हैं। चर्चा है कि अगर बढ़ाव इसी तरह होता रहा तो बाढ़ आना तय है। कटान व जलस्तर बढ़ते देख उपजिलाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता, तहसीलदार घनश्याम व चाई विभाग देवकली पंप नहर के अवर अभियंता भगवान प्रसाद विश्वकर्मा ने सेमरा व शिवरायकापुरा के किनारे घूमकर हालात का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से सावधान रहने व किसी तरह का खतरा महसूस होने पर तुरंत किनारा छोड़ देने की बातें कही।
संपर्क मार्ग पानी में डूबा
खानपुर : थाना क्षेत्र के गौरहट और तेतारपुर का संपर्क मार्ग पूरी तरह से गोमती के बाढ़ में डूबने से गांव वाले अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। गौरहट से जिले के अन्य हिस्से को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क को गोमती नदी के पानी ने चार फिट नीचे डूबा दिया है। पड़ोसी गांव तेतारपुर का एकमात्र निकास मार्ग भी बाढ़ के पानी मे पूरी तरह डूब गया है। गांव वाले अपने आवागमन के लिए एकमात्र साधन एक छोटी नौका रखे हैं जिसे इस्तेमाल कर गौरहट से डुडुन्हा घाट पार करके वाराणसी जिले से अपना कार्य कर पा रहे है। छोटी नौका से दर्जन भर लोग एक साथ जान जोखिम में डालकर नदी पार करते है। उधर खरौना, कुसही, हथौड़ा, पटना, शादीभादी, गौपालपुर के सैकड़ों बीघे खड़ी फसल को जलमग्न कर गंगा का पानी आबादी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। पिछली बाढ़ में ही सब्जी की खेती समाप्त कर चुकी गंगा का पानी इस बार ज्वार, बाजरा, मकई और तिलहन के फसलों को पूरी तरह डुबोकर नष्ट करने पर आमादा है।