गाजीपुर: गंगा का बढ़ाव जारी, रौद्र रूप देख दहशत में ग्रामीण
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा के जलस्तर का बढ़ाव गुरुवार को भी जारी रहा। आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहीं गंगा खतरे के बिदु 63.105 से शाम तीन बजे तक एक मीटर से ऊपर 64.190 पर बह रहीं थीं। बाढ़ का पानी क्षेत्रों फैलने से कई मार्गों का संपर्क टूट गया है। क्षेत्रों में पानी पसरने के कारण रेवतीपुर के पास ताडीघाट बारा मार्ग पर बनी पुलिया का एप्रोच मार्ग धंस गया जिससे आवागमन करने वालों में दशहत व्याप्त हो गई है। दर्जनों गांव पानी में घिरने के कारण वहां के लोगों ने शरणस्थल को अपना ठिकाना बना लिया है। जिला प्रशासन ने उनकी समस्याओं को देखते हुए उनके लिए भोजन सामग्री का इंतजाम किया है। वहीं जिलाधिकारी के बालाजी एवं पुलिस अधीक्षक डा. अरविद चतुर्वेदी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर संबंधित अधिकारियों को उचित दिशा- निर्देश दिए। तटवर्ती इलाकों के लोग गंगा का रौद्र रूप को देखकर दहशत में हैं।
गंगा का पानी जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है तटवर्ती इलाकों के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हालांकि नगर में हालात बहुत खराब नहीं हुए हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ज्यादा बिगड़ती जा रही है। गांवों के रास्ते पानी में डूब चुके हैं और गलियों में पानी प्रवेश कर चुका है। कुछ गांव बाढ़ के पानी से घिरने के कारण वहां के लोगों को शरणस्थल पर पहुंचाया जा रहा है। वहीं कुछ लोग अपने स्तर से भी अपने रिश्तेदारों व नातेदारों के यहां पलायन कर रहे हैं। साथ अपने कीमती सामानों को भी वहां से हटा रहे हैं। कोई बच्चों को अपनी गोद में उठाए जा रहा है तो किसी को अपने बुजुर्गों को कांधे पर उठाए जा रहा है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा शरणस्थल में बाढ़ पीड़ितों के रहने और खाने का बंदोबस्त किया जा रहा है। उनको प्रशासन की ओर से आटा, चावल, दाल, आलू आदि दिया गया है। बाढ़ की हालत देखकर पीड़ितों दिल बैठा जा रहा है। उनको अपने आशियाने की चिता सता रही है। उन्हें भले ही पेट भरने को भोजन मिल रहा हो लेकिन हालात देखकर उनकी आंखों से आंसू निकल आ रहे हैं।
पानी में डूबा शवदाह स्थल
सैदपुर : नगर से लगायत पश्चिम में जौहरगंज, औड़हिार, पटना तक व पूरब में फुलवारी, देवचंदपुर, रामपुर, मंझरिया आदि गांवों में सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। नगर के वार्ड तीन में गंगा पानी दादा साहब स्थल तक आ गया है। मोहल्ले की युवतियां व बच्चे नाव पर सवार होकर क्षेत्र का जायजा ले रहे हैं। बगल में स्थित एक व्यक्ति की झोपड़ी भी बह गई है। सिद्धेश्वर महादेव घाट पर पानी मंदिर तक पहुंचने ही वाला है। जौहरगंज श्मशान घाट पर शवदाह स्थल जलमग्न होने से लोगों को शव जलाने के लिए वैकल्पिक स्थल तलाशना पड़ रहा है। श्मशान घाट के बगल में की गई नेनुआ, बाजरा आदि के सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न पड़े हैं। औड़हिार में बिड़ला समूह द्वारा बनवाया गया आदित्यघाट पूरी तरह से डूब चुका है। शिवचंद, बनवारी समेत दर्जनभर से ज्यादा लोगों के घर अब गंगा के पानी से घिर गए हैं। किसी तरह नाव के सहारे लोग घर के बाहर आ व जा रहे हैं। गांव में पशुओं के लिए लगाया गया हरा चारा डूबने से भूसे के भरोसे पशुओं का पालन हो रहा है।
आठ चौकियां बनाकर तैनात की गई है चिकित्सकीय टीम
सैदपुर : एसडीएम डा. वेदप्रकाश मिश्र ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों की सूची बनाने के बाद चिकित्सकीय सुविधा हेतु आठ बाढ़ चौकियां टाउन नेशनल इंटर कालेज, शादीभादी, रामपुर, सिधौना, गौरी, भुजाड़ी, नेवादा व तेतारपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालयों पर बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। तेतारपुर समेत जिन गांवों में बाढ़ चौकियां बाढ़ की चपेट में आ गई है। वहां सुरक्षित स्थान देखकर बना लिया गया है। चिकित्सक डा. दीपक पांडेय, डा. रविशंकर,डा. प्रकाश पांडेय, डा. केडी उपाध्याय, डा. वीके यादव पांडेय के साथ एएनएम व कार्यकर्ता लगाए गए हैं। चिकित्सा अधीक्षक मनोज चौरसिया ने बताया कि चिकित्सकीय टीम प्रतिदिन पहुंच रही है और जनता से रूबरू हो रही है। ब्लीचिग पाउडर के छिड़काव के साथ आवश्यक दवाओं का वितरण भी हो रहा है।
उबालकर करें पानी का सेवन
सैदपुर : बाढ़ के दौरान बीमारी से बचने के लिए लोग पानी का सेवन उबालकर करें। आसपास सफाई रखें। स्वच्छ पानी का ही सेवन करें। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत होने पर तत्काल पुलिस से संपर्क करें। डा. मनोज चौरसिया, चिकित्सा अधीक्षक, सैदपुर। सड़क पर बह रही धारा से गुजरते लोगमुहम्मदाबाद : बाढ़ के पानी से शेरपुर कला गांव जहां चारो ओर से घिरता जा रहा है। वहीं गांव और गंगा तट के बीच बसे मुबारकपुर और पचासी में अब धारा बहना शुरू हो गई है। बस्ती को छोड़ अब महिलाएं व बच्चे शेरपुर गांव में आकर शरण लेना शुरू कर दिये हैं। मुबारकपुर से शेरपुर गांव तक आने वाली पक्की सड़क पर पानी की धारा बहना शुरू हो गयी है। उसी के सहारे लोग आवागमन कर रहे हैं। शिवरायकापुरा गांव को एक तरफ गंगा तो दूसरी तरह बाढ़ का पानी फैल गया है। अब लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। पानी नालों के माध्यम से सेमरा गांव के गड़हियों को भरकर बस्तियों में घुसना शुरू कर दिया है। गांव के अंबेडकर पार्क स्थित बस्ती को पानी ने घेर लिया है।
मौजों में भरा पानी
भांवरकोल : क्षेत्र के दक्षिण गंगा और पूर्वोत्तर में मगई नदी का पानी के धीरे धीरे मैदानी भागों में फैलने से किसानों की चिताएं बढ़ रही हैं। गंगा में उफान से आई बाढ़ से अबतक बीरपुर, धर्मपुरा, फिरोजपुर बाड़, कठार, आमघाट, रानीपुर, नकटीकोल, फखनपुरा, कबीरपुर, तथा शेरपुर कला व उसके पुरवे माघी, मुबारकपुर, सत्तर, पचासी, छनबेइया, गुलरी बन, शेखवाला ताल सहित अन्य कई मौजों में पानी भर गया है। वहीं मगई में बाढ़ का पानी फैलता हुआ मठिया, गोड़उर, महेंद, सोनवानी, फतुलहां, नसीराबाद, सरदरपुर तथा सियाड़ी के सिवानों में भी पहुंच गया है।
बाढ़ से घिर चुके हैं यह गांव
रेवतीपुर : निचले इलाकों, सिवानों में पानी भरने से लोग अपने पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थान पर आ गये हैं। एनडीआरफ की टीम भी लोगों को सुरक्षित निकालने मे लगी हुई है। प्रशासन समझाने के बाद भी कुछ लोग अपने डेरे में जमे हुए हैं। वे किसी भी हालत में उसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं। नगदिलपुर, बीरऊपुर, हसनपुरा, नसीरपुर, अठहठा, टौंगा, रामपुर, नरयनापुर आदि गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। बाढ़ को देखते हुए नेहरू विद्यापीठ इंटर कालेज मे बाढ़ राहत चौकी बनायी गयी है, जहां पर लोगों को बाढ़ पीड़ति को रहने खाने की व्यवस्था की गई है।
धंसे एप्रोच मार्ग का डीएम व एसपी ने लिया जायजा
रेवतीपुर : सुबह बाढ़ के पानी के दबाव की वजह से ताड़ीघाट बारा मार्ग पर स्थित पुलिया का एप्रोच मार्ग टूट गया । जानकारी मिलते ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गयी । पानी पुलिया में लगे ह्यूयूम पाइप से न जाकर सड़क के नीचे से निकलने लगा है। अंदर से पानी ने सड़क को खोखला कर दिया है । जानकारी मिलते है डीएम के बालाजी व पुलिस अधिक्षक डा. अरविद चतुर्वेदी मौके पर पहुच स्थिति का जाएजा लिया और संबंधित विभाग व निर्माणाधीन संस्था के लोगों को बैरिकेडिग करवा कर मरम्मत करने का आदेश दिये।