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गाजीपुर: टला बाढ़ का खतरा लेकिन नहीं कम हुई मुसीबत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर, गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा तो टल गया है लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गंगा का जलस्तर एक सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से कम हो रहा है। गुरुवार को तीसरे पहर तीन बजे गंगा का जलस्तर 63.410 मीटर रिकार्ड किया गया। फिलहाल अभी भी गंगा 63.105 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। पक्के मकानों वाले तो अपने घरों को लौट रहे हैं लेकिन कच्चे घरों वाले वहां जमा कीचड़ एवं दलदल के सूखने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ निचले इलाकों में अभी भी पानी भरा हुआ है। वहीं डूबी फसलें सड़कर दुर्गंध देने लगी हैं। किसान अपनी बर्बाद फसलों को देखकर आंसू बहा रहे हैं। उधर गंगा पार विभिन्न क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा राहत सामग्री का वितरण करने का सिलसिला बना हुआ है।

गंगा का जलस्तर सुबह दो सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा था लेकिन दोपहर बाद इसकी रफ्तार एक सेंमी प्रति घंटा हो गई। फिलहाल गंगा का घटने का सिलसिला बीते चार दिनों से बना हुआ है। जलस्तर घटने से नगर में गलियों एवं सड़कों पर जमा पानी नीचे जाने लगा है। जहां-जहां पानी समाप्त हो गया हैं वहां जमी गंदगी से बीमारी का खतरा पैदा होने लगा है। नगरपालिका द्वारा ब्लीचिग का छिड़काव नहीं होने से वहां मच्छरों का प्रजनन होना शुरू हो गया है। अगर दवाओं का छिड़काव नही किया गया तो लोगों का रहना दूभर हो जाएगा।

खानपुर : गंगा व गोमती के बाढ़ का पानी उतरने लगा है। घरों से पानी निकलने के बाद लोग अपने घरों को सहेजने में लग गए हैं। पटना, शादीभादी, खरौना, उसही, गोरहट एवं तेतारपुर में पानी कम होने से कुछ लोग घरों को लौटने लगे हैं। सुबह गौरी, हथौड़ा, सिधौनार के किसान खेतों की ओर निकले तो अपनी बर्बाद खेती देख कराह उठे। गंगा व गोमती नदी के किनारे सैकड़ों बीघे खेत में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। फसलों में लगीं ज्वार बाजरा, मक्का की बालियां व तिलहन की फलियां पानी में सड़ रही हैं। धान की फसल छोड़कर बाकी तिलहन व ज्वार की पूरी की पूरी फसल नष्ट होने से किसानों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है। तिल, बाजरा, मक्का, मसूर, मूंग समेत बाकी के फसल खेत मे पीला हो औंधे मुंह गिरे पड़े हैं।

राहत सामग्री का हुआ वितरण
जमानियां : तहसील प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। तहसीलदार आलोक कुमार ने राजस्व टीम के साथ विभिन्न बाढ़ केंद्रों से 10 गांव के 729 बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। इंटर कालेज जीवपुर के बाढ़ केंद्र से बाढ़ प्रभावित गांव खिजिरपुर, कालनपुर, मथारे, ताजपुर मांझा, पाह सैयदराजा, जगदीशपुर के 485 बाढ़ पीड़ितों तथा इंटर कालेज मलसा केंद्र से भागीरथपुर, रामपुर पट्टी सरनाम खां और चकमेदनी नंबर एक के 103 बाढ़ पीड़ितों तथा इंटर कालेज सुहवल से कल्याण चक के 141 बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की गई। तहसीलदार आलोक कुमार ने बताया कि राहत सामग्री रखने के लिए बाढ़ चौकी पर गोदाम की व्यवस्था थी। बरसात होने पर राहत सामग्री वितरण में खलल न पड़े इसलिए बाढ़ पीड़ितों को यहां बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को प्रति परिवार 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, दो किलो दाल, दो किलो भुना चना, पांच किलो लाई, एक लीटर रिफाइंड तेल, 10 पैकेट बिस्कुट के साथ एक-एक पैकेट नमक, मसाला, मोमबत्ती, माचिस कुल 14 आइटम वितरित किए गए हैं।

सड़कें क्षतिग्रस्त होने से आवागमन में दिक्कत
मुहम्मदाबाद : बाढ़ में डूबी सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। इलाके में शाहनिदा से सेमरा जाने वाली मुख्य सड़क साधु की कुटी के आगे टूटकर काफी दूर तक क्षतिग्रस्त हो गई है। इसमें होकर आने जाने वाले दो पहिया वाहनों या साइकिल सवारों के पलटने का खतरा बना हुआ है। यही हालत महादेवा मोड़ से गंगा तट जाने वाली सड़क पर बच्छलपुर मोड़ पुलिया के पास हो गई है। अब प्रशासन के पास इन सड़कों का मरम्मत कराकर आवागमन सुरक्षित करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
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