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गाजीपुर: गंगा में घटाव तेज लेकिन बढ़ने लगी दिक्कतें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लंबे समय तक ठहराव के बाद शुरू हुई घटने की रफ्तार अब तेज हो चली है। गंगा का जलस्तर मंगलवार को तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा है। तीसरे पहर तीन बजे तक गंगा का पानी घटकर 64.230 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि एक दिन पूर्व ही बढ़ कर 64.530 मीटर पर पहुंच गया था। एक ओर जहां जलस्तर कम होने से कटान का खौफ बढ़ गया है तो वहीं दूसरी ओर संक्रमण रोग फैलने का खतरा शुरू हो गया है। तटवर्ती इलाकों के लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारियां कर ली है। जल्द ही उनकी टीमें क्षेत्रों में जाकर लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के साथ जरूरी दिशा-निर्देश देंगी।

गंगा का बढ़ाव कम होने से तबाही का खतरा तो टला लेकिन अब लोगों की दिक्कतें बढ़ना शुरू हो गईं हैं। पानी के साथ बहकर आई गंदगी इकट्ठा होकर सड़ना शुरू हो गई है। अगर उसकी जल्द ही सफाई नहीं की गई तो आसपास लोगों का रहना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही मच्छरों का प्रजनन होने से वहां संक्रमण तेजी से फैलने लगेगा। नगर के नखास, लकड़ी का टाल, बंधवा, खजुरियार आदि मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस आया था। खासकर लकड़ी का टाल, नखास व लोटन इमली में नाले के जरिए आये पानी से काफी मात्रा में गंदगी भी लेकर आया है। इसके सड़ने से वहां के लोगों की समस्या बढ़ सकती है। इससे मच्छरजनित रोगों के अलावा पीलिया, टायफाइड, डिहाइड्रेशन आदि का खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में जिला प्रशासन ने समय रहते सफाई के साथ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव शुरू नहीं किया तो समस्या बढ़ सकती है। रेवतीपुर : बाढ़ के पानी में घटाव शुरू होने के बाद भी सभी सम्पर्क मार्ग नहीं खुले हैं। कई विद्यालयों में अभी बाढ़ का पानी भरा हुआ है । चटटी चौराहे सूना होने से दुकानदार भी इससे काफी प्रभावित है क्योंकि ग्राहकों की संख्या भारी गिरावट आई है ।

कटान के खतरे से रामतुलाई के पास रहने वाले परिवार सहमे
मुहम्मदाबाद : सुबह शिवरायकापुरा से सटे रामतुलाई के पास अचानक कटान शुरू हुआ, जिससे अफरा-तफरी मच गई। हालांकि कुछ ही देर बाद कटान रुक जाने से लोगों की सांस में सांस आई। जलस्तर कम होने पर कटान बढ़ने की आशंका से लोग अंदर ही अंदर बेचैन नजर आ रहे हैं। हालत यह है कि कटान के चलते अब गंगा का किनारा रामतुलाई के सामने सेमरा शेरपुर मुख्य सड़क से मात्र 40 से 50 मीटर रह गया है। अगर तेज कटान हुआ तो हो सकता है इसी वर्ष गंगा मुख्य सड़क को भी अपने आगोश में ले ले। रामतुलाई के पास तेज कटान से अब परिया 61 में नयी बस्ती बनाकर रह रहे विस्थापित परिवारों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इस तरह से कटान हो रहा है, बस्ती पूरी तरह से निशाने पर आ गयी है। बाढ़ के पानी में डूब जाने से बच्छलपुर, जियनदासपुर, सेमरा, तमलपुरा, अहिरौली, शेरपुर खुर्द, कुंडेसर, शेरपुर कला, माघी, मुबारकपुर, पचासी, डेढ़ सौ, जलालपुर, धर्मपुरवा आदि गांवों के सिवानों में लगी फसल व सब्जियों की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।

किसानों को नहीं मिलता फसल बीमा सुरक्षा
लौवाडीह : मंगई नदी का पानी मसौनी के संपर्क मार्ग पर पहुंच चुका है। लौवाडीह के उत्तर तरफ स्थित सिवान में पानी धान के खेतों में पहुंच गया है। परसा, राजापुर, खेमपुर, सिलाइच, मुर्तजीपुर, जोगामुसाहिब, करीमुद्दीनपुर, महेन्द, गोंड़उर, सोनवानी आदि गांव के खेत भी पानी मे डूब रहे है। सियाड़ी में मंगई नदी का पानी तो एक सप्ताह पूर्व ही पहुंच कर फसल को बर्बाद कर रहा है। सबसे बड़ी बात है कि प्रतिवर्ष इस इलाके की फसल मंगई नदी के पानी से बर्बाद होती है लेकिन किसानों को बीमा का मुआवजा नहीं मिलता है। सर्वे कर लोग जाते है लेकिन नतीजा कुछ नही निकलता है।
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