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गाजीपुर: या हुसैन, या अब्बास की सदां के साथ गूंजता रहा शहर, शबीहे अलम देखकर लोग हुए गमजदा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर आठवीं मोहर्रम  रविवार को  शहर गाजीपुर के मोहल्ला नखास स्थित इमामबारगाह मीर अली हुसैन साहब मरहूम में मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें   बाद मजलिस इमामबारगाह मीर  तुराब अली से  हजरत अब्बास का आलम निकला निकला  तथा अंजुमन हुसैनिया के  मातमी दोस्तों ने  मातम कर इमाम हुसैन की सेना के सेनापति का गम मनाया। कर्बला के शहीद हजरत इमाम हुसैन और 71 साथियों की याद में  आठवीं मोहर्रम मोहर्रम को जिले में कई स्थानों पर मातमी जुलूस निकाला गया। 

जिसमें अंजुमनों ने दर्द भरे नौहें पढ़ने के साथ-साथ जंजीर और छुरियों का मातम कर नजराने अकीदत पेश किया। नगर के  नखास स्थित  इमामबाड़ा मीर अली हुसैन में  ऊरोज अब्बास में मजलिस बढ़ते हुए ने पढ़ते हुए कहा कि कर्बला को शायद ही कोई भुला सकता है जिस तरह से हजरत अली और उनके बेटों ने इस्लाम को बचाने के लिए अपना भरा घर लूटा दिया वो कयामत तक लोग याद रखते रहेंगे। कर्बला में इमाम हुसैन ने अपने छोटे बच्चों को भी राहे हक पर कुर्बान कर दिया। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया में उनका गम मनाया जा रहा है। इसमें सभी सम्प्रदाय के लोग शामिल होते है।

हम सब उनके बताये हुए रास्ते पर चले तो इस दुनिया से आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो सकता है। कर्बला में उस वक्त सबसे बड़ा आतंकवाद यजीद का था जिसने अपनी सारी हदें पार करते हुए हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.) के नवासों को तीन दिन का भूखा प्यासा, शहीद कर दिया था। आज उन्हीं की याद में हम लोग मजलिस मातम और नौहा पढ़कर उनको नजराने अकीदत पेश कर रहे है। मजलिस के बाद शबीहे अलम निकाला गया। जिसमें अंजुमन हुसैनिया नौहाख्वानी और सीनाजनी करते हुए अलमदार को याद किया कर्बला की याद में .आज छोटे-छोटे बच्चे हाथों में अलम लेकर इस्लाम का परचम ऊंचा कर रहे है वहीं घरों के अंदर अजाखानें सजे है।

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