गाजीपुर: मालामाल लोक निर्माण विभाग पर कार्रवाई की नहीं मजाल!
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लोक निर्माण विभाग भले ही भ्रष्टाचार और कमीशन में संलिप्त हो, सड़कें चीख-चीख कर अपनी बदहाली को कह रही हों लेकिन यह न महकमे को दिखते ही न ही आला अधिकारियों को सूझता है। एक तरफ से बन रही है तो दूसरी तरफ से उखड़ रहीं सड़कों को अगर आला अधिकारी देख न सकें, शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न करें तो उसके निहितार्थ को भला कौन नहीं समझेगा। गाजीपुर में जो हाल है उससे तो साफ सा है कि सरकार की ऐसी-तैसी भले हो जाए लेकिन लूट जी भरकर होगा।
उखड़ी गिट्टियां उम्मीदों को मार रहीं ठोकर
मुहम्मदाबाद : क्षेत्र के गांधीनगर से बाराचवर ब्लाक मुख्यालय जाने वाले मार्ग पर बड़े-बड़े कंकड़ डालकर छोड़ दिए गए हैं। गांधीनगर से चकबड़ी तक लगभग ढाई किलोमीटर सड़क के किनारे गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है और सड़क के बीच में जगह-जगह गिट्टी गिराकर छोड़ दिया गया है। गिट्टी को समतल भी नहीं किया गया है, जबकि सितम्बर 2016 में 31 करोड़ 62 लाख की लागत से बनने वाली इस सड़क का निर्माण शुरू हो गया। गंगौली से बाराचवर तक जैसे-तैसे 2019 तक कार्य पूर्ण तो कर लिया गया, लेकिन बाराचवर से गांधीनगर लगभग आठ किलोमीटर सड़क पर अभी 25 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ। इसके लिए करीब चार करोड़ 74 लाख रुपये अवमुक्त हुए एक वर्ष हो चुके हैं। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के तहसील में अधिकारियों संग हुई बैठक में यह मुद्दा जोर-शोर से उठा था। जिस पर लोक निर्माण विभाग खंड तृतीय के अधिशासी अभियंता ने अक्टूबर में इस पर काम शुरू कराने का आश्वासन दिया। अब सोचने वाली बात यह है कि पैसा अवमुक्त होने के बावजूद एक वर्ष से काम क्यों रुका हुआ है।
महज तीन दिन में ही उखड़ गई थी लाखों की सड़क
लोनिवि की कई ऐसी सड़कें हैं, जिसका मरम्मत कार्य पूर्ण होते ही सड़क उखड़ जा रही हैं। कोई एक सप्ताह तो कोई मात्र तीन दिन में उखड़ जाती हैं। एक ऐसी ही सड़क है मुहम्मदाबाद के महादेवामोड़ से बच्छलपुर गंगा घाट तक। एनएच-31 स्थित महादेवा मोड़ से बच्छलपुर गंगा तट तक जाने वाली सड़क की मरम्मत 2018 में छठ पर्व को देखते हुए किया गया। मरम्मत का कार्य देखने से ऐसा लगता है जैसे इस पर लूट खसोट के लिए ही पैसा आया था। जिसे हजम कर लिया गया। अगर ऐसा नहीं होता तो कोई सड़क भला तीन दिन में कैस उखड़ सकती है। मात्र तीन किमी लंबे इस सड़क में जमकर खेल किया जाता है। इसका दो पार्ट में टेंडर निकाला जाता है। ऐसा क्यों किया जाता है यह तो विभाग ही जानता होगा। मजे की बात तो यह है कि कोई बताने वाला भी नहीं है इसके मरम्मत के लिए कितना पैसा आया था और इसका क्या मानक था।
करीब-करीब हर वर्ष होती है कुंडेसर-शेरपुर मार्ग की मरम्मत
मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र की ज्यादातर सड़कें कमीशनखोरी की शिकार हो चुकी हैं। कुंडेसर-शेरपुर मार्ग इसका प्रमाण है। इस मार्ग का लाखों रुपये से करीब-करीब हर वर्ष मरम्मत होता है। कुछ ही दिनों बाद सड़क की स्थिति जस की तस हो जाती हैं। वर्ष 2018 में मार्ग की मरम्मत हुई। इसके बाद फिर 2019 में मरम्मत शुरू हुआ। शहीद संस्मरण इंटर कालेज के सामने से शेरपुर खुर्द गांव कुम्हार बस्ती तक जाने वाले रास्ते पर खतरनाक गड्ढा बन गया है। नुनुआ बाबा ब्रह्मा स्थान तक जाने वाले रास्ते पर हो गया है। वहीं मुहम्मदाबाद नगर से होकर गुजर रही अदिलाबाद चौराहा से कासिमाबाद जाने वाली सड़क पर विद्युत उपकेंद्र से थाने के गेट तक करीब 500 मीटर सड़क का आधा हिस्सा एक स्तर का लेपन कराए बगैर छोड़ दिया गया है। इसका कोई देखनहार भी नहीं है। बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती।