गाजीपुर: सपा की प्रदेश और जिला इकाई भंग करना वक्त का तकाजाः राधेमोहन सिंह
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सपा की प्रदेश और जिला इकाई और उनके फ्रंटल संगठनों की कार्यकारिणी को तत्काल भंग किए जाने से पार्टी के दूसरे नेता भले नाखुश हों, लेकिन पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह इसे वक्त की जरूरत मानते हैं और राष्ट्रीय नेतृत्व की इस कार्रवाई को स्वागत योग्य बताते हैं। उन्होंने कहा कि आज के जो सियासी हालात हैं और जिस कदर सांप्रदायिक, जातीय वैमनस्यता फैलाई जा रही है। अहम मसलों पर झूठ परोसा जा रहा है। उस सबका कारगर जवाब देने के लिए जरूरी है कि पार्टी के कॉडर को और सक्षम बनाया जाए। उसे और चुस्त-दुरुस्त किया जाए। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि नए संगठन के गठन में उन लोगों को अहमियत मिलनी चाहिए, जिनमें सियासी हालात और मसलों को समझने की सलाहियत हो। पार्टी की रीति-नीति के मुताबिक आमजन के बीच तर्क संगत तरीके से अपना पक्ष रखने की क्षमता रहे। जनसवालों को लेकर संघर्ष का माद्दा हो।
पूर्व सांसद ने कहा कि अर्थ व्यवस्था रसातल में चली गई है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बेरोजगारी, महंगाई की समस्या चरम पर है। ऐसे विकट हालात में उत्तर प्रदेश की जनता सपा से बेहतर विकल्प की उम्मीद लगाई है। निश्चित रूप से जनता के इस मिजाज का एहसास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को है। यही वजह है कि उन्होंने संगठन को नए सिरे से गठित करने का फैसला किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि भाजपा का सबका साथ-सबका विश्वास-सबका विकास का नारा महज छलावा है। सरकारी तंत्र में जातीय और मजहबी भेद हो रहा है। ऐसे में सिस्टम में सुधार की उम्मीद करना एकदम बेमानी है।
राधेमोहन सिंह ने कहा कि राज पाट में नौकरशाही हावी हो गई है। सरकारी कामकाज में आमजन तो दूर खुद मंत्रियों, भाजपा विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है। यही कारण है कि भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है। पूर्व सांसद ने कहा कि आज प्रदेश के लोगों को पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार की याद आ रही है, जब जमीन पर विकास का काम था। नौकरशाही पर अंकुश था। कानून-व्यवस्था चुस्त थी। रोजगार के मौके थे और सामाजिक सद्भाव था।