Today Breaking News

गाजीपुर: पूरी तरह से ध्वस्त हुई जिले में बिजली व्यवस्था, हाहाकारी नौबत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिले में जिस दौर में बिजली व्यवस्था जा पहुंची है वह सरकार की किरकिरी कराने को काफी है। नगर में तो पिछले कई दिनों से बेतहाशा कटौती हो रही है लेकिन शुक्रवार को तो हद ही हो गई। बगैर किसी सूचना के दिन में कटौती हुई। बीच में तीन बार यह आई जरूर लेकिन केवल दर्शन देने। अधिकारियों की लापरवाही और कर्मचारियों की सुस्ती के चलते उपभोक्ता हलकान है।

नगर की विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। विद्युत आपूर्ति का शेड्यूल पूरी तरह से चरमरा गया है। सुबह या शाम हो बिजली आने का समय और न जाने का वक्त। बीते एक सप्ताह से आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चौपट गई है। पूरे दिन बिजली आने का सिलसिला बना रहता है और शाम होते ही ट्रिप होना शुरू हो जाती है। शुक्रवार को प्रकाशनगर उपकेंद्र में रिले की मरम्मत के नाम पर सुबह दस से शाम तक आपूर्ति ठप रही।

प्रकाशनगर स्थित रिले में आई खराबी के चलते बीते मंगलवार की पूरी रात आपूर्ति बड़ी बाग, नवकापुरा, लंका, बंशी बाजार, सकलेनाबाद सहित विभिन्न मोहल्लों में गायब रही। दूसरे दिन जैसे- तैसे आपूर्ति चालू की गई। इसकी मरम्मत नहीं होने से पूरे दिन बिजली आती-जाती रही। वहीं गुरुवार को बारिश के कारण ट्रांसफार्मर की सीटी फटने से बिजली गुल रही। मरम्मत के नाम पर देर रात तक आपूर्ति गायब रही । इसके अलावा शुक्रवार को रिले की मरम्मत के नाम पर सुबह दस बजे से दोपहर ढाई बजे तक आपूर्ति ठप रही। 

आपूर्ति चालू हुई फिर आधे घंटे बाद फिर कट गई। इसके बाद शाम चार बजे आई और कई बार आने-जाने का सिलसिला बना रहा। नगर से बेहतर स्थित तो ग्रामीण क्षेत्रों की है। इस संबंध में विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता आदित्य पांडेय ने बताया कि रिले की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसे दुरुस्त करने के बाद रिले के कारण आपूर्ति कटने का सिलसिला बंद हो जाएगा। लोग बोले ..

बिजली कटौती ने जीना हराम कर दिया है। उपकेंद्र पर पूछने पर कोई कर्मचारी जवाबदेह नहीं होता। आपूर्ति शेड्यूल का कोई मायने नहीं रह गया है। बिजली कब आएगी और कब जाएगी इसका कोई समय तय नहीं है।- मोहित, तिलकनगर।

शासन के लाख दावे के बावजूद आपूर्ति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। नगर में 24 घंटे आपूर्ति का दावा होने के बावजूद मुश्किल से 12 या चार घंटे की बिजली मिल पा रही है। स्थित सुधरने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा है। - काशीनाथ, नखास।

बिजली कटौती के बाद उपकेंद्र पर तैनात कर्मचारी का फोन नहीं उठाते हैं । इसके अलावा अधिकारी ये नहीं बताते कि बिजली कब तक आएगी। इसे लेकर काफी गुस्सा आता है । - संतोष, चीतनाथ।

इधर कटौती को लेकर उपभोक्ता काफी परेशान और आक्रोशित है। कई बार तो बिजली कटने से पूरी रात जागकर गुजारना पड़ता है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो मजबूरन लोगों को सड़कों पर उतरना होगा। - आशीष, सिटी रेलवे स्टेशन।
'