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गाजीपुर: जालसाजी में फंसे पूर्व विधायक डॉ.राजकुमार गौतम, एफआईआर में पत्नी सुमन का भी नाम दर्ज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बसपा के पूर्व विधायक डॉ.राजकुमार सिंह गौतम जालसाजी और जान से मारने की धमकी के मामले में फंस गए हैं। सीजेएम वाराणसी के आदेश पर उनके खिलाफ वहां के कैंट थाने में इस आशय की एफआईआर दर्ज हुई है। उसमें उनकी पत्नी सुषमा सिंह का भी नाम है।

वादी मुकदमा मैथलीशरण सिंह पुत्र स्व.रामजी सिंह हैं। वह मूलतः बलिया जिले के रेवती थाने के दुर्जनपुर गांव के रहने वाले हैं। उनका आरोप है कि उनके पिता ने सन् 1987 में वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र स्थित शुद्धिपुर में भूखंड खऱीदा। उसके कुछ साल बाद उनके पिता का निधन हो गया। तब वह और परिवार के सदस्य वाराणसी शहर से बाहर चले गए। उसी बीच मौका पाकर पूर्व विधायक तथा अन्य ने जालसाजी कर दस्तावेजों में हेरफेर कर उस भूखंड पर अपना नाम दर्ज करा लिया। इसमें राजस्व कर्मियों की भी मिलीभगत रही। इसकी जानकारी जब किसी तरह इसकी जानकारी मैथलीशरण सिंह को हुई। 

तब वह इस सिलसिले में वाराणसी कोर्ट में मुकदमा दर्ज किए। उस मुकदमे की पैरवी के लिए लिए बीते 27 जून को वाराणसी कोर्ट पहुंचे तब पूर्व विधायक सहित उन लोगों ने उन पर मुकदमा वापस लेने का बेजा दबाव बनाना शुरू किया। उसी क्रम में उनको जान से मारने की धमकी भी दी गई। आपत्ति करने पर वह सभी उनसे मारपीट पर उतारु हो गए। यही नहीं बल्कि उनके सोने की चेन, नकदी भी छीन लिये। इतने पर भी संतोष नहीं हुआ तो उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई। इसकी शिकायत मैथलीशरण सिंह ने कैंट थाने में की, जहां उनकी एक नहीं सुनी गई। इस सिलसिले में वह एसएसपी वाराणसी से भी मिले। वहां भी कुछ नहीं हुआ। आखिर में मैथलीशरण सिंह ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत सीजेएम कोर्ट में वाद दाखिल किया। वाद पर सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने पूर्व विधायक डॉ.राजकुमार सिंह तथा उनकी पत्नी सहित सभी आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा।

गाजीपुर न्यूज़ टीम ने इस मामले में पूर्व विधायक डॉ.राजकुमार सिंह का पक्ष जानना चाहा, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हुआ। इसीक्रम में उनके प्रतिनिधि फूलचंद सिंह को फोन लगाया गया, लेकिन उनके कहीं रास्ते में होने के कारण नेटवर्क काम नहीं किया। इस बाबत चर्चा पर उनके समर्थकों ने कहा कि पूर्व विधायक को गहरी साजिश के तहत झूठा फंसाया गया है। वाराणसी पुलिस ने हकीकत जानने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत नहीं समझी। तब वाराणसी सीजेएम कोर्ट को गुमराह कर पूर्व विधायक के खिलाफ यह आपराधिक मामला बनया गया है।

मालूम हो कि डॉ.राजकुमार सिंह साल 2007 में गाजीपुर की जमानियां सीट से बसपा टिकट पर विधायक चुने गए थे, लेकिन 2012 में गाजीपुर की ही सदर विधानसभा सीट से हार गए थे। वह मूलतः गाजीपुर के करंडा ब्लाक के मैनपुर गांव के रहने वाले हैं और वाराणसी में जयनगर कॉलोनी गिलटबाजार में रहते हैं। जहां वह जमीन और होटल के कारोबार से जुड़े हैं।
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