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गाजीपुर: साड़ी व्यवसायी हत्याकांड के मय माल दो बदमाश गिरफ्तार, साथी युवती सहित दो फरार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सैदपुर नगर में कपड़ा व्यवसायी सुशील चंद्र गुप्त के हत्यारे दो बदमाश पुलिस के हाथ चढ़ गए, जबकि युवती सहित उनके दो साथी फरार हैं। पुलिस कप्तान डॉ.अरविंद चतुर्वेदी ने गिरफ्तार दोनों बदमाशों को गुरुवार की शाम अपने ऑफिस में मीडिया के सामने पेश किया। दोनों रामबाबू सोनकर और राजू निषाद सैदपुर नगर के ही वार्ड छह के दीनदयाल नगर मुहल्ले के रहने वाले हैं। इनके कब्जे से सोने-चांदी के कुछ जेवर, 20 हजार रुपये की नकदी के अलावा घटना में प्रयुक्त मय कारतूस पिस्तौल और मोबाइल फोन बरामद हुआ है। पुलिस कप्तान के मुताबिक गिरफ्तार बदमाशों के फरार साथियों में अर्चना सोनकर रामबाबू की बहन है। दूसरा सचिन उर्फ अकरम सैदपुर के ही वार्ड नौ के राजीव नगर का रहने वाला है।

दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी गुरुवार को तड़के औड़िहार तिराहे पर हुई। वारदात दो अगस्त की भोर में करीब पौने तीन बजे हुई थी। सैदपुर नगर में यूबीआई की ब्रांच की बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल पर रहने वाले सुशील चंद्र गुप्त (40) की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। विरोध करने पर बदमाशों ने सुशील की पत्नी रेशमा को भी तमंचे की मुठिया के प्रहार कर जख्मी कर दिया था। उनकी आंख के ऊपर चोट आई थी। घटना की सूचना के बाद पुलिस कप्तान के अलावा आईजी वाराणसी विजय सिंह मीणा घटनास्थल पर पहुंच कर जायजा लिए थे।

पुलिस कप्तान ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों ने अपना अपराध कबूलते हुए बताया कि सुशील गुप्त की दुकान में आरओ का पानी आपूर्ति करने वाले वाहन का चालक उनका साथी है। उसने बताया था कि सुशील अपना वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र स्थित दीनापुर का मकान बेचने की तैयारी में हैं और इधर बैंक से कर्ज लेकर बीच बाजार से अपनी दुकान लक्ष्मी साड़ी भंडार को मुख्य सड़क पर शिफ्ट कर उसमें काफी माल भरे हैं। उनके पास काफी माल-पत्ता है। इस सूचना के बाद ही प्लानिंग कर वह चोरी की गरज से सुशील के घर पहुंचे और मकान की नीचली मंजिल का चैनल गेट का ताला तोड़ कर अंदर घुसे। पीछे के कमरे की आलमारी तोड़कर उसमें रखे जेवर, नकदी समेट कर वह सब बाहर निकल ही रहे थे कि आहट पाकर सुशील की पत्नी रेशमा की नींद टूट गई। वह शोर मचाने लगीं। उसे चुप कराने की गरज में एक बदमाश ने रेशमा पर वार किया। रेशमा की आंख के नीचे चोट आई। तब सुशील भी उठ गए और लपक कर रामबाबू को पकड़ लिए। उनकी पकड़ से छूटने के लिए रामबाबू ने पिस्तौल से सुशील को गोली मार दी। उसके बाद वह सभी मय माल वहां से भाग गए।

पुलिस कप्तान ने बताया कि घटना की विवेचना में कई एंगल आए, लेकिन बदमाशों तक पहुंचने में यूबीआई की ब्रांच सहित आसपास के मकानों की सीसीटीवी फुटेज की मदद मिली। रामबाबू सैदपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित कई संगीन मामलों के कुल 16 मामले दर्ज हैं। पुलिस कप्तान ने बताया कि फरार युवती अर्चना सोनकर पर लूट का माल रखने का आरोप है। बदमाशों की गिरफ्तारी सैदपुर कोतवाली के अलावा क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में हुई। पुलिस टीम की अगुवाई सैदपुर कोतवाल बलवान सिंह तथा क्राइम ब्रांच के इंचार्ज धर्मवीर सिंह ने की। सुशील कुमार गुप्त मूलतः सैदपुर कोतवाली के पाठक की पुलिया विशुनपुरा मथुरा गांव के रहने वाले थे।
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