Today Breaking News

गाजीपुर: एमएलसी चुनाव में मनोज सिन्हा एक बार फिर चाहेंगे केदारनाथ सिंह पर दाव!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर विधान परिषद(स्नातक क्षेत्र) की वाराणसी सीट को लेकर संभावित उम्मीदवारों ने अपने स्तर से चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। वोटर बनाने का काम शुरू है। दलीय हालांकि चुनाव अगले साल होगा। मौजूदा एमएलसी केदारनाथ सिंह का कार्यकाल छह मई 2020 तक है। पूरा कार्यकाल छह साल को होता है।

इस चुनावी तैयारी के मामले को दलीय आधार पर आंका जाए तो इसमें भाजपा सबसे आगे दिख रही है। वैसे भी वाराणसी सीट को भाजपा अपनी परंपरागत सीट मानती है। कभी भाजपा के ज्ञानचंद द्विवेदी एडवोकेट इस सीट पर लगातार काबिज रहे। उनके निधन के बाद कांग्रेस के डॉ.राजेश मिश्र ने यह सीट भाजपा से छीन ली थी, लेकिन साल 2004 में वाराणसी का सांसद चुने जाने के बाद उन्हें एमएलसी का पद छोड़ना पड़ा था। तब हुए उपचुनाव में उन्होंने अपने भाई बृजेश मिश्र को कांग्रेस का टिकट दिलाया, लेकिन केदारनाथ सिंह ने उन्हें परास्त कर यह सीट एक बार फिर भाजपा की झोली में डाल दी। 

उसके बाद हुए दो आम चुनावों से वह इस सीट पर काबिज हैं। हालांकि पिछली बार चुनाव में भाजपा से बगावत कर सिद्धार्थ शंकर राय मैदान में उतर गए थे और केदारनाथ सिंह को सांसत में डाल दिए थे। अब बारी अगले साल चुनाव की है। उसमें भाजपा केदारनाथ सिंह पर दाव लगाएगी अथवा नहीं। यह तो आगे पता चलेगा, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा की ओर से केदारनाथ सिंह का टिकट पक्का है। इसकी पुष्टि तब हुई, जब श्री सिन्हा पिछले सप्ताह दो दिन के दौरे पर गाजीपुर आए। 

उस क्रम में वह पार्टी कार्यालय में सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक में पहुंचे थे। अपने खास चुनींदे लोगों को वह बस्ता दिए थे। बस्ते में नए वोटर बनाने के लिए 20 आवेदन फार्म थे। लगे हाथ वह यह हिदायत देना नहीं भूले कि नए वोटर उनको ही बनाया जाए जो भाजपा को वोट करेंगे। जाहिर है कि केदार सिंह मनोज सिन्हा के बेहद करीबी माने जाते हैं। श्री सिन्हा के हर मौके पर वह खड़े रहते हैं।

गाजीपुर में पिछले चुनाव में करीब 34 हजार वोटर थे। वोटर वही बनते हैं, जिनके पास कम से कम स्नातक की डिग्री होती है। वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में वाराणसी तथा गाजीपुर सहित कुल आठ जिले हैं। इनमें बलिया, चंदौली, जौनपुर, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र शामिल है।
'