गाजीपुर: नाग पंचमी आज, पूजे जाएंगे नाग देवता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार को नाग पंचमी परंपरागत ढंग से मनायी जाएगी। धर्म ग्रंथ्रों में सावन मास को बहुत ही उत्तम और पुण्य मास बताया गया है। उसमें भी सावन में सोमवार का विशेष महत्व है। इस बार की सोमवारी शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को पड़ रही है और इसी दिन नागपंचमी है। शिव मंदिरों को झालर व बत्तियों से सजा दिया गया है।
भगवान शिव के आभूषण कहे जाने वाले नाग देवता की पूजा की जाएगी। जगह-जगह दंगल के कार्यक्रम होंगे। श्रद्धालु गंगा स्नान कर नाग देवता का दर्शन करते हैं। शिव भक्तों के बीच नाग पंचमी का बेहद महत्व होता है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध व लावा चढ़ाकर उनका पूजन करना चाहिए। आचार्यों का कहना है कि सावन में सोमवार के साथ नागपंचमी का होना दिव्य संयोग है। ऐसा अद्भुत संयोग बार-बार नहीं आता है।
गहमर : मां कामाख्या मंदिर के महंत आकाश राज तिवारी ने बताया कि नागपंचमी की पूजा राहु काल योग में नहीं करनी चाहिए। राहु काल योग सुबह 7.30 से नौ बजे तक डेढ़ घंटे का है। इसके पहले या बाद में पूजा करना श्रेयष्कर होगा। बताया कि इस दिन भक्तगण भगवान शिवजी का अभिषेक करें। साथ में नाग देवता को दूध, धान का लावा और गुड़ भी चढ़ाना अत्यंत शुभदायक और फलदायी रहेगा। इस मंत्र से नागदेवता का करें जप 'ओम नवकुलाय विद्यहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात'।
भक्त इस दिन शिवमंत्र के पश्चात उक्त मंत्र का जप कम से कम 11 बार अवश्य करें। इसके किए जाने से सर्पदंश का भय जहां दूर होता है। वहीं, भक्तों के धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है। गहमर गांव स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर के पुजारी नितिन तिवारी का कहना है कि जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प योग बना हुआ है, उन्हें इस शिवलिग के ऊपर चांदी या तांबे से बने नाग-नागिन के जोड़े को रखकर शिवजी का जलाभिषेक या गाय के दूध से अभिषेक करना चाहिए। पांच अगस्त को सुबह 7.30 बजे से पूर्व या सुबह नौ बजे के बाद पंचमी तिथि है।