Today Breaking News

गाजीपुर: नाराज डाक्टरों ने ठप की ओपीडी सेवा, किया हड़ताल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिला अस्पताल में तीन दिन पूर्व इलाज के दौरान हुई महिला मरीज की मौत से नाराज परिजनों द्वारा चिकित्सक व स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के मामले पर सोमवार को डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों ने आस्तीन चढ़ा ली। उन्होंने सोमवार को ओपीडी संचालन सहित स्वास्थ्य सेवाओं का कार्य ठप कर दिया और मुकदमा वापस लेने की मांग करते हुए हड़ताल पर चले गए। इससे जिला प्रशासन भी सकते में आ गया। मौके पर पहुंचे सीएमओ डा. जीसी मौर्या ने काफी समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। जिलाधिकारी के. बालाजी द्वारा आश्वासन देने पर चार घंटे बाद मामला शांत हुआ व स्वास्थ्य सेवाएं पुन: बहाल हो सकीं।

चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि कई पद रिक्त होने के बावजूद उनके द्वारा अपनी क्षमता से ज्यादा कार्य किया जा रहा है। बीते तीन अगस्त को महिला की मौत पर ग्रामीणों द्वारा हंगामा करने साथ चिकित्सक व स्टाफ नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल टूट चुका है। ऐसे वातावरण में कार्य नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डा. प्रभात कुमार व स्टाफ नर्स के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लिया जाए। आपातकाल कक्ष में हंगामा कर रहे लोगों को मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में गिरफ्तार किया जाए व भविष्य में बिना मेडिकल पैनल की जांच के किसी भी चिकित्सक, नर्स एवं अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न हो। 

तीन मांगों के पूरे होने तक आपातकालीन व पोस्टमार्टम सेवाओं को छोड़कर अन्य स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहेंगी। इसकी जानकारी मिलते ही सीएमओ डा. जीसी मौर्या व प्रभारी सीएमएस डा. केएन चौधरी ने स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सकों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी डीएम को दी। जिलाधिकारी ने फोन द्वारा डाक्टरों को आश्वासन देने के साथ पूरे मामले की जांच के लिए तीन दिन का समय मांगा तब जाकर सुबह आठ बजे से ठप स्वास्थ्य सेवाएं जिला अस्पताल में दोपहर 12 तक बहाल हो सकी। इस मौके पर डा. प्रभात कुमार, डा. भाष्कर, डा. रघुनंदन, डा. तबिश, शीला, माधुरी, प्रेमा यादव, फैजुद्दीन, वारिस, राकेश सिंह मौजूद रहे।
'