गाजीपुर: वाह रे लेखपाल.. 80 फीसद अतिक्रमित गड़ही को दिखा दिया खाली
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर वाह रे लेखपाल.. 80 फीसद अतिक्रमिक गड़ही को भी पूरा खाली दिखा दिया। इतना ही नहीं तहसील कार्यालय पर बैठे-बैठे ही मामले को निस्तारित करते हुए इसकी रिपोर्ट भी पेश कर दिया। जबकि वास्तविक स्थिति इसके ठीक उलट है। मामला रेवतीपुर ब्लाक के कालूपुर गांव की है। इसकी शिकायत कोई और नहीं बल्कि खुद ग्राम प्रधान मनोज यादव ने सीएम हेल्पलाइन 1076 पर की थी। अब लेखपाल ने ऐसा किसी के दबाव में आकर किया, या कोई और कारण रहा हो। यह तो वही जानते होंगे, लेकिन ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है।
रेवतीपुर ब्लाक के कालूपुर गांव की गाटा संख्या-137 गड़ही के नाम से दर्ज है। यह गड़ही पूरे आठ बिस्वा में है। दशकों से इस पर दबंगों ने कब्जा जमाया हुआ है। धीरे-धीरे मिट्टी डालते-डालते करीब 80 फीसद से भी अधिक पर कब्जा जमा लिया है। बारिश के मौसम में गांव की स्थिति काफी नरक हो जाती है। इसको लेकर ग्राम प्रधान मनोज यादव ने समाधान दिवस, एसडीएम, डीएम यहां तक की मुख्यमंत्री दरबार भी गए और इसकी शिकायत की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नई सरकार आने के बाद भी उन्होंने सीएम हेल्पलाइन 1076 पर इसकी शिकायत की और एक पत्र मुख्यमंत्री को डाक द्वारा प्रेषित किया।
इसके बाद मामला तहसीलदार के यहां आया। फिर क्षेत्रीय लेखपाल विनीत सिंह को जिम्मेदारी मिली। इसके बाद लेखपाल ने मामले को पूरी तरह से लीपपोत कर बराबर कर दिया। मौके पर बिना गए ही तहसील कार्यालय में बैठे-बैठे रिपोर्ट लगा दी। रिपोर्ट में उन्होंने लिखा है कि सीमांकन में पाया गया कि गड़ही पूर्ण रूप से खाली है। ग्राम प्रधान के अनुसार लेखपाल का काल आया तो उन्होंने मौके पर स्वयं देख लेने की बात कही।
लेखपाल को बताया भी कि गड़ही को मिट्टी डालकर पाट दिया गया है। बावजूद इसके लेखपाल विनीत सिंह ने मौके पर आना मुनासिब नहीं पहुंचा और शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए गलत रिपोर्ट लगाकर मामले को निस्तारित कर दिया। जबकि सरकार अतिक्रमित गड़ही व पोखरी को खाली करवाने को लेकर बेहद ही गंभीर है।