गाजीपुर: घर में विद्यालय, बिना मान्यता पढ़ रहे ढाई सौ बच्चे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिले में शिक्षा पूरी तरह से व्यापार बन गया है। बिना मानक व मान्यता के जिले में तमाम विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इसका जीता जागता नमूना मनिहारी ब्लाक के गौसपुर बुजुर्गा में देखने को मिला जहां मानक को ताख पर रखकर ट्रस्ट को दिखाते हुए घर को ही विद्यालय बना दिया। साथ ही बिना मान्यता के केजी से कक्षा पांच तक के करीब ढाई सौ बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं अधिक कमाई के चक्कर में स्कूल से ही बच्चों को ड्रेस और कापी-किताब भी बेची जाती है।
प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर बेहद ही गंभीर है। वहीं बिना मान्यता के विद्यालय चलाने पर भारी भरकम जुर्माना भी निर्धारित किया है, लेकिन इसका कहीं पालन नहीं हो रहा है। मनिहारी के गौसपुर बुजुर्गा निवासी रामजीत यादव ने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम ट्रस्ट बनाया है। इसी पर गांव में ही बीते जनवरी माह से दक्षक पब्लिक स्कूल चला रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि रामजीत ने यह विद्यालय अपने घर में ही खोल रखा है, जो मानक के एकदम विपरीत है।
जबकि शासन द्वारा इसके लिए भी मानक निर्धारित है। विद्यालय में करीब ढाई सौ बच्चे पढ़ते हैं, जो अगल-बगल के गांव से आते हैं। इनको विद्यालय लाने और घर छोड़ने के लिए तीन वाहन भी हैं। दो किराए पर हैं और एक विद्यालय का है। स्कूल वाहन का संचालन भी बिना परिवहन विभाग की अनुमति से किया जा रहा है, जबकि इसके लिए भी सख्त निर्देश है। बच्चों से भारी भरकम फीस लेने के साथ ही उन्हें ड्रेस और कापी किताब भी स्कूल से ही वितरित किया जाता है। इतना ही नहीं विद्यालय में करीब आधा दर्जन शिक्षक हैं, अधिकतर की डिग्री भी मानक के अनुसार नहीं है। इतना सबकुछ होने के बाद भी जिम्मेदारों की नजर अभी तक इस पर नहीं पड़ी है और मानकविहीन यह विद्यालय बिना डर भय के धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। अब मामला उजागर होने पर संबंधितों में खलबली मची हुई है।
सावन मास में विद्यालय की मान्यता के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में आवेदन करेंगे। इसके बाद अलग से भवन निर्माण कर उसमें विद्यालय संचालित करेंगे। - रामजीत यादव, विद्यालय प्रबंधक।
बिना मान्यता के संचालित स्कूलों को चिह्नित किया गया है। अब उन्हें बंद करवाने की कार्रवाई की जा रही है। ऐसे स्कूल कदापि नहीं चल सकते। दक्षक पब्लिक स्कूल गौसपुर बुजुर्गा के बारे में पहले ही शिकायत मिल चुकी है। इस भी बंद कराया जाएगा। - श्रवण कुमार, बेसिक शिक्षाधिकारी।