गाजीपुर: सड़क पर मरीजों का उपचार करने को विवश चिकित्सक व कर्मी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जंगीपुर जिले की स्वास्थ्य सेवाएं ही नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों के भवन भी बदहाल हो चुके हैं। कहीं पूरा परिसर पोखरे में तब्दील हो चुका है तो कहीं जर्जर छत से टपक रहा पानी मुसीबत बन गया है। अरसदपुर न्यू पीएचसी का हाल तो इससे काफी खराब है। हालत यह हो चुकी है कि मरीजों के उपचार के लिए डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को सड़क पर बैठने की नौबत आ गई है। वजह पूरा परिसर जहां तालाब का शक्ल ले चुका है। वहीं छत से टपक रहे बरसात के पानी में जीवन रक्षक दवा भींगकर खराब हो चुकी हैं। जर्जर भवन की सूचना होने के बाद भी विभागीय अधिकारियों की तंद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में वहां तैनात कर्मचारियों को जहां इसके गिरने का भय सता रहा है। दुर्घटना की संभावना को देखते हुए अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच गया है।
अरसदपुर गांव ही नहीं उसके आसपास के कई दर्जन गांवों को चिकित्सकीय सुविधाओं से लाभांवित करने वाला यह नया प्राथमिक स्वास्थ्य वर्तमान समय तमाम दिक्कतों का सामना कर रहा है। करीब तीन-चार वर्ष से जर्जर हो चुका यह भवन अब धीरे-धीरे ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच चुका है। इसके बाद भी अपना जान जोखिम में डालकर यहां तैनात महिला मेडिकल आफिसर सहित अन्य लोग चिकित्सकीय सेवाओं में लगे हुए हैं। नोडल अधिकारियों व सीएमओ के निरीक्षण के दौरान इन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कई बाद भवन के जर्जर होने की स्थिति लिखित व मौखिक तौर से बताई जा रही है, लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
तीन दिनों से लगातार हुई वर्षा से हालत यह हो चुकी है कि भवन कभी भी गिरने की स्थिति में पहुंच गया है। जान जोखिम पड़ता देख अब यहां तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी ओपीडी के संचालन के लिए सड़क पर बैठने का मन बना चुके हैं। इस संबंध में मेडिकल आफिसर डा. सोफिया बानो ने बताया कि कई बार इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों को दी गई, लेकिन उनके द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। स्थिति यह हो चुकी है कि यहां तैनात स्वास्थ्य कर्मी जान जोखिम में डालकर कार्य करने को विवश है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो अस्पताल को बंद कर मरीजों का उपचार सड़क पर करना पड़ेगा।