गाजीपुर: किसानों के लिए नाकाफी साबित हो रहा करोड़ों रुपये की लागत से बना गहमर पूर्वी पंप कैनाल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर करोड़ों रुपये की लागत से बना गहमर पूर्वी पंप कैनाल किसानों की जरूरत पूरा नहीं कर पा रहा है। धान की रोपाई के समय पंप कैनाल को पूरी क्षमता से न चलाने के कारण किसान परेशान हैं। गहमर पूर्वी पंप कैनाल नहर की लंबाई लगभग 1.6 किमी है। इससे बारा माइनर, मिश्रवलिया माइनर, प्रतापपुर माइनर सहित आधा दर्जन छोटी माइनर निकली हैं।
इन माइनरों से जुड़े क्षेत्र में किसानों ने पानी के अभाव में जैसे-तैसे धान की नर्सरी तो तैयार की लेकिन अब पानी न होने के कारण रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। नहर में पूरी क्षमता से पानी छोड़ने के लिए किसानों ने विभागीय अधिकारियों से मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एजाज खां, जियाउद्दीन खां, कन्हैया यादव, नंदा यादव, एकराम खां, बाबर खां, देवनाथ राम शकील खां, सोनू शर्मा, महेंद्र राम आदि किसानों का कहना है कि गहमर पूर्वी पंप कैनाल पर नहर में पानी छोड़ने के लिए किसी सरकारी कर्मचारी की तैनाती नहीं होने से यह पंप कैनाल भगवान भरोसे ही चल रहा है।
किसानों ने बताया कि मुख्य नहर की सफाई तो कर दी जाती है लेकिन माइनरों की सफाई नहीं होने से टेल तक पानी नहीं पहुंचता। वहीं मुख्य नहर की सफाई उस समय शुरू होती है जब किसानों को पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में आधा अधूरा सफाई का काम कर नहर में पानी छोड़ दिया जाता है। सफाई के नाम पर कागजी कोरम पूरा कर राजस्व का बंदरबांट किया जाता है।
सफाई के नाम पर खेल
शासन के निर्देश पर प्रतिवर्ष सिचाई एवं नहर विभाग द्वारा क्षेत्र की नहरों व माइनरों की सफाई का टेंडर किया जाता है। विभाग अपने चहेतों को सफाई का काम सौंप कर लाखों रुपये का बंदरबांट कर लेता है। नहरों में सफाई के नाम पर ठेकेदार जेसीबी तो लगाते हैं लेकिन मिट्टी निकाल कर अगल-बगल रख देते हैं जिससे वह मिट्टी पुन: नहरों में चली जाती है और हालत जस की तस बनी रहती है।