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गाजीपुर: कांवेन्ट को मात दे रहा यह परिषदीय विद्यालय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मुहम्मदाबाद प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय बासुदेवपुर को देखकर दिमाग में परिषदीय स्कूलों के बारे में बनी तस्वीर व सोच उलट जाती है। एक ही परिसर में संचालित दोनों स्कूल में फिलहाल 717 बच्चे पंजीकृत हैं और सभी नियमित आते भी हैं। यह विद्यालय पूरे क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट शिक्षण व्यवस्था के लिए जाना जाता है। 

उच्च पदों पर विराजमान अभिभावक भी इसमें अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने को लालायित रहते हैं। यह सब हो सका है प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक सतीश चंद्र यादव की मेहनत और कुछ नया करने के जुनून से। उन्होंने एक ही परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को भी प्रेरित किया और यहां की शिक्षण व्यवस्था भी चमक गई।

व्यवस्था परिवर्तन के लिए सतीश चंद्र यादव के संघर्षों की कहानी काफी रोचक व प्रेरणादायक है। जनपद के अन्य शिक्षक भी इनसे प्रेरणा ले रहे हैं। 21 सितंबर 2015 को प्रभारी शिक्षक के रूप में पूर्व माध्यमिक विद्यालय वासुदेव में उनकी तैनाती हुई। एकल शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों के भ्रम को तोड़ने व व्यवस्था परिवर्तन की ठान ली और इसी में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया। इस स्कूल में जब उनकी तैनाती हुई तो महज 37 बच्चे थे। आसपास के लोग इस स्कूल को उपेक्षा के भाव से देखते थे। सतीश चंद्र ने स्कूल की तस्वीर बदलने की ठान ली। वह संख्या बढ़ाने के साथ उन्हें बेहतर शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयासरत रहे। आज विद्यालय में 289 छात्र हैं। ये सभी छात्र पढ़ाई में कांवेन्ट स्कूल के बच्चों को पीछे छोड़ दिए हैं। अपने तरह का पूरे जनपद में यह शायद इकलौता विद्यालय है। 

सतीश चंद्र गांव-गांव घूमकर लोगों से संपर्क करने के साथ ही अपनी ओर से होर्डिंग लगवाकर स्कूल का प्रचार किया। इससे लोग काफी प्रभावित हुए और कांवेन्ट स्कूल से अपने बच्चों का नाम कटवाकर यहां दाखिला कराए। सभी छात्र अंग्रेजी, हिदी व गणित विषयों में औरों के अपेक्षा काफी तेज हैं। विद्यालय में हिदी और संस्कृत दोनों में परीक्षाएं होती हैं। यहां पर आधुनिक व्हाइट बोर्ड, मार्कर, डेस्क बेंच की व्यवस्था है। स्वच्छता व पर्यावरण को लेकर भी उन्होंने काफी कुछ किया। विद्यालय परिसर पूरी तरह से साफ-सुथरा है और तरह-तरह के फूल व पौधे लहलहा रहे हैं। इस उत्कृष्ट कार्य के लिए सतीश चंद्र यादव को जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षाधिकारी भी सम्मानित कर चुके हैं। सतीश कहते हैं कि परिषदीय विद्यालयों के सभी शिक्षक प्रशिक्षित व योग्य हैं, अगर वह थोड़ी सी मेहनत करें तो प्राथमिक शिक्षा की पूरी तस्वीर बदल जाएगी।
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