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गाजीपुर: बारा में आमजन की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली खाकी खुद बदहाल, प्राथमिकी दर्ज कराने जाना पड़ता है गहमर थाना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बारा आमजन की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली खाकी खुद बदहाली के दौर से गुजर रही है। क्षेत्र की सात ग्राम पंचायतों में अपराध पर काबू पाने के लिए बिहार सीमा पर स्थापित रिपोर्टिंग पुलिस चौकी बारा में सुविधाओं का अभाव है। रिपोर्टिंग चौकी का दर्जा न मिलने से लोगों को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए यहां से आठ किलोमीटर दूर स्थित गहमर थाना जाना पड़ता है। विभिन्न अपराधों में पकड़े जाने वालों को यहां हिरासत में रखने तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में क्षेत्रीय लोगों में असुरक्षा की भावना व्याप्त है।

वर्ष 1986 में गहमर थाना क्षेत्र के देवकली गांव में नक्सलियों ने खूब कहर बरपाया था। 11 लोगों की नृशंस हत्या के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने देवकली गांव में कैंप लगाकर कर्मनाशा पैकेज की घोषणा की थी। कर्मनाशा पैकेज के तहत बारा व देवल में पुलिस चौकी का निर्माण कराकर कर्मनाशा के तटवर्ती गांवों में पुलिस गश्त के लिए बुलेट प्रूफ वाहन, अत्याधुनिक हथियार, सर्च लाइट आदि मुहैया कराना शामिल था। पैकेज के तहत बारा में अस्थायी पुलिस चौकी बनवाई गई थी। इसके 13 साल बाद यहां स्थाई रुप से रिपोर्टिंग पुलिस चौकी बारा स्थापित हुई। तब से यहां पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए लोगों को गहमर की दौड़ लगानी पड़ती है। पुलिस चौकी के अंतर्गत कर्मनाशा के तटवर्ती गांव बारा, कुतुबपुर, मगरखाई, हरकरनपुर, भतौरा, दलपतपुर, रोइनी गांव आते हैं। इसमें भतौरा पूर्ण रूप से नक्सल प्रभावित गांव हैं।
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