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गाजीपुर: जिला महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिला महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं इन दिनों बेपटरी हो चुकी हैं। एक तरह जहां बेहोशी के डाक्टर का पद खाली रहने से गंभीर गर्भवती महिलाओं को आपरेशन के लिए रेफर कर दिया जाता है, वहीं वर्षों से जांच की कोई व्यवस्था नहीं होने से इलाज के लिए पहुंचने वाली महिला मरीजों को बाध्य होकर निजी केंद्रों का सहारा लेना पड़ता है। निजी जांच केंद्र संचालक उनका जमकर आर्थिक शोषण कर रहे हैं। लाख प्रयास के बाद भी स्थिति सुधरने के बजाए बदहाल होती जा रही है।

महिलाओं को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर शहर के बीच मिश्रबाजार में स्थापित जिला महिला अस्पताल सिर्फ नाम का ही रह गया है। बदहाली इस कदर की रात के समय पहुंचने वाली हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को उपचार के नाम पर शायद ही भर्ती किया जाता है। ऐसी स्थिति में उन्हें नीम-हकीम के पास जाना पड़ता है, जिससे उनके जान का खतरा बढ़ जाता है। कई बार शिकायत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी व अस्पताल प्रशासन बेहोशी के डाक्टर का पद खाली होने की बात बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। 

जबकि रोजाना शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से करीब 60 से 70 महिला मरीज अपना इलाज कराने पहुंचती है। लेकिन जांच व अल्ट्रासाउंड के लिए निजी केंद्रों का सहारा लेना पड़ता है। यही नहीं दवा के लिए भी उन्हें बाजार स्थित मेडिकल स्टोरों पर ही जाना पड़ता है। वजह अस्पताल प्रशासन की ओर से दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई जाती है व जन औषधि केंद्र पर डाक्टरों द्वारा परामर्श पर्ची पर लिखी दवा मिलती ही नहीं है। सबकुछ जानते हुए स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी व जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं।
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