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गाजीपुर: सिस्टम के मारे, प्रशासन से हारे बेसहारा गोवंश बेचारे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर देर से ही सही सरकार को गोवंशों की याद तो आई। हालांकि देर इतनी हो गई जब आधे से अधिक गोवंश भूख व प्यास से तड़प-तड़प कर बनाए गए आश्रय स्थलों में जान गवां दिए। जिले भर में दर्जन भर से अधिक गो आश्रय केंद्र बनाए गए हैं जहां पर कई हजार पशुओं को रखा गया था। उनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया गया है लेकिन यह नाकाफी है। भोजन के नाम पर रूखा- सूखा भूसा व पुआल फेंक दिया जाता है। पीने का शुद्ध पानी तक नहीं मिलता। बीमार पशुओं का इलाज तो बहुत दूर की बात है। ऐसे में गो-आश्रय केंद्र में रखे गए एक-एक कर पशु भूख व प्यास के साथ बीमारी से मरने लगे। इससे अब ये आश्रय स्थल वीरान हो गए हैं। वहां पशुओं की संख्या नाम मात्र की रह गई है।

458 में से बचे सिर्फ 133
कासिमाबाद : क्षेत्र के बड़ौरा गांव स्थित अस्थाई निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल बीते दिन हुए लगातार मूसलधार बारिश के कारण जलमग्न हो गया है। इसके कारण चारे व इलाज के अभाव में पशुओं की दशा काफी दयनीय हो चुकी है। आश्रय स्थल में मार्च में पशु विभाग द्वारा कराई गई गणना के अनुसार 458 पशु थे। इनमें से अब 133 पशु बचे हैं। यहां से 78 पशुओं को दूसरे आश्रय स्थल पर भेजा जा चुका है, जबकि 60 पशु लोकसभा मतदान के दिन किसी के न होने पर भाग गए थे। 195 पशुओं की या तो मौत हो गई है या लापता हैं। बचे पशुओं की दशा काफी दयनीय हो चुकी है। यहां पशुओं के लिए खाने के लिए अबतक सूखे भूसे की व्यवस्था की गई है। सोमवार को उपजिलाधिकारी मंसाराम वर्मा ने गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण किया। वहां फैली गंदगी को देख उपजिलाधिकारी भड़क गए। उन्होंने तत्काल खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार पांडेय को गंदगी साफ कराने व बरसात का पानी निकलवाने का निर्देश दिया। कहा कि पशुओं की देखरेख में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गो-आश्रय केंद्र में 18 की मौत 36 लापता
दुबिहां : करीमुद्दीनपुर में बंद पड़े शीतगृह में बना अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल पर शुरु में 92 पशु रखे गए थे। वर्तमान समय में 38 पशु आश्रय स्थल पर मौजूद है और 18 पशुओं की अब तक मौत हो चुकी है। बाकी के 36 पशु कहां गये यह बताने मे वहां पर मौजूद कर्मी ने असमर्थता जाहिर की, जबकि कुछ कर्मियों ने बताया कि कुछ छोटे पशु बाहर निकल गये। पशुओं को खिलाने के लिए सूखा भूसा, पानी रखा गया है। प्रकाश के लिए विद्युत की व्यवस्था है। एसडीएम ने की गो-आश्रय केंद्र की समीक्षा

करीमुद्दीनपुर: मुहम्मदाबाद के उपजिलाधिकारी राजेश गुप्ता ने सोमवार को करीमुद्दीनपुर स्थित गोवंश आश्रय स्थल की समीक्षा बैठक की। उन्होंने गोवंश के रख-रखाव व चारा के विषय में वहां के ग्राम प्रधान से जानकारी ली। बारिश से गांव में हुए जलजमाव के बाबत करीमुद्दीनपुर के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजेश राय ने अवगत कराया कि पानी निकलने वाली जगह को अतिक्रमण कर लिये जाने से बाजार सहित पूरे गांव में पानी जमा हो गया है। इस पर उपजिलाधिकारी मौके पर पहुंचे और तत्काल पानी निकालने के लिए लेखपाल और कानूनगो को निर्देशित किया। इसमें मनोज जायसवाल, हरिशंकर राय, रणजीत राय मुन्नी सेठ सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।

रेवतीपुर गो-आश्रय केंद्र में अच्छी व्यवस्था
रेवतीपुर : स्थानीय पशु चिकित्सालय में पशुओं के लिए गोवंश आश्रय स्थल बनाया गया है जहां पशुओं की संख्या 37 है। यहां पर  बीडीओ, ग्रामप्रधान व सचिव की देखरेख में पशुओं को खाने व चरने की व्यवस्था, पानी के लिए हौदी, शेड, सोलरलाइट की व्यवस्था है। पशुओं के गोबर को एकत्र करने के लिए गड्ढा भी तैयार हो रहा है। यहां पशुओं के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। उनकी देखरेख के लिए तीन सफाईकर्मियों को लगाया गया है, इससे पहले डेढगांवा में पशुओं को रहने की व्यवस्था थी लेकिन वहां पर दु‌र्व्यवस्था थी। डेढ़गावां से 43 पशु यहां पर लाए गए लेकिन आये हुए छोटे पशुओं की हालत खराब थी। 

उपचार करने के बाद भी उसमें से छह पशुओं कि मौत हो गई। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि उपेंद्र शर्मा ने बताया कि जो पशु यहां मौजूद वह ठीक हैं। उनकी मैं खुद रोज जाकर देखभाल करता हूं। किसी तरह चारा पानी आदि की व्यवस्था की जाती है। पशुओं के इलाज के लिए यहां पर तैनात डा. आरपी सिंह भी लगे रहते हैं। दिलदारनगर : स्थानीय नगर पंचायत के जलकल परिसर में बने गो-आश्रय केंद्र में कुल 20 पशु वर्तमान समय में है। जब केंद्र बना तो कुल 25 पशु थे जिसमें तीन छोटे पशुओं को पशुपालकों को दे दिया गया। दो पशुओं की मौत हो गई। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मनोज पांडेय ने बताया कि पशुओं को जलकल परिसर में बना गौ आश्रय केंद्र में रखा गया है। प्रतिदिन पशु चिकित्सक द्वारा पशुओं का चेक अप किया जाता है। पशुओं के लिए भूसा, चुन्नी, खल्ली, पशु आहार की व्यवस्था की गई है।
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