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गाजीपुर: बिन बिजली कैसे बीते दिन, कैसे रैना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर  भाजपा सरकार में बिजली को लेकर बनी बेहतर छवि की तस्वीर उल्टी हो चली है। शहर से लेकर गांव तक में बिजली के जो हालत है वह सरकार की किरकिरी करा रही है। लोग बाहर निकल कर रात दिन बिता रहे हैं तो नींद न पूरी होने की वजह से तमाम लोग डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। हैरत यह कि जिम्मेदार अधिकारी और कर्मी पूरी तरह से उदासीन बने हुए हैं। घोषित शेड्यूल के अनुसार आपूर्ति नहीं हो रही है। लोकल फाल्ट को दूर करने में विद्युतकर्मी काफी लंबा समय ले रहे हैं। वहीं कई दिनों बाद भी जले ट्रांसफार्मर बदल नहीं पा रहे हैं।

रेवतीपुर : अघोषित कटौती से उपभोक्ता बेहाल हो गए हैं जबकि 18 घंटे बिजली आपूर्ति किए जाने का शासनादेश है लेकिन उसको भी पूरा नहीं किया जा रहा है। अक्सर फाल्ट तो कभी टेस्टिग के नाम पर कटौती की जा रही है। गांव में बिजली मात्र आठ से 10 घंटे ही मिल रही है।

दिलदारनगर : नगर पंचायत के 11 वार्ड में पेयजल की आपूर्ति करने के लिए लगा मोटर 63 केवी के ट्रांसफार्मर के सहारे चलता है लेकिन दो दिनों से इसके जल जाने से जेनरेटर के सहारे वार्डों में पानी की सप्लाई हो रही है। इससे नलों का पानी धीमी गति से गिर रहा है। नगर के सुरेश कश्यप, गोपाल वर्मा, विनोद, सोनू गुप्ता, रोहित आदि ने बताया कि जलकल में लगा ट्रांसफार्मर जलने से पानी की किल्लत उत्पन्न हो गई है। जब तक ट्रांसफार्मर नहीं बदला जाएगा तब तक इसी तरह परेशानी झेलनी पड़ेगी। अवर अभियंता तपस कुमार ने बताया कि जलकल में जला 63 केवी ट्रांसफार्मर दो दिनों में बदल दिया जाएगा।

गहमर : गर्मी बढ़ने के साथ ही 33/11 केबीए कामाख्या विद्युत उपकेंद्र से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि रात में एक-दो घंटे की एमरजेंसी रोस्टिग कटौती आम बात हो गयी है। इसके चलते भीषण गर्मी में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महाराजगंज : बेतहाशा बिजली कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं।
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