गाजीपुर-सैय्यदराजा मार्गः करंडा के मैनपुर से गुजरेगा फोर लेन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिला मुख्यालय से वाया जमानियां सैय्यदराजा तक जाने वाली सड़क फोर लेन नहीं होगी। बल्कि यह फोर लेन अब वाराणसी से गोरखपुर तक बन रहे फोर लेन पर महाराजगंज और फतेहउल्ल्हपुर के बीच बाईपास से निकलेगा और करंडा ब्लाक के मैनपुर होते हुए गुजरेगा। इसको लेकर बने तीसरे और अब तक के अंतिम डीपीआर( डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में यह दर्शाया गया है। राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक फोर लेन के लिए मैनपुर के पास जिगना घाट पर गंगा में पुल बनेगा। उसके बाद फोर लेन जमानियां होते हुए सैय्यदराजा तक जाएगा। इसके लिए गाजीपुर के सदर, करंडा तथा जमानियां ब्लाक के 40 और चंदौली जिले के 27 राजस्व गांव के भूखंड अधिग्रहित होंगे। राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि तीसरा डीपीआर उन गांवों के भूखंडों की पैमाइश के बाद तैयार किया गया, लेकिन उस डीपीआर में कुछ ऐसे भी गांव अंकित कर दिए गए, जो प्रस्तावित फोर लेन से हट कर हैं। लिहाजा डीपीआर को संशोधित कर फिर मंजूरी के लिए भेजा गया है।
इस फोर लेन का पहला डीपीआर गंगा पार ताड़ीघाट-मलसा होते हुए वाया जमानियां सैय्यदराजा तक बना था, लेकिन राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार इसके लिए घनी आबादी वाली कई बस्तियां उजाड़नी पड़तीं। कई पक्के निर्माण ढहाने पड़ते। उनके मुआवजे भी देने पड़ते। इससे फोर लेन के निर्माण की लागत भी बढ़ रही थी। उसके कारण दूसरा डीपीआर बना। उसमें घनी आबादियों से बाईपास बनाने की जरूरत बताई गई, लेकिन उसे भी खारिज कर तीसरा डीपीआर बना। रही बात गंगा पार ताड़ीघाट-मलसा से जमानियां तक जाने वाले मार्ग की तो इसका चौड़ीकरण लगभग तय है। राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि संभवतः इसके लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनएचआई पहले से मार्ग के अगल-बगल उपलब्ध भूखंड का इस्तेमाल कर उसके चौड़ीकरण का काम पूरा कर देगी।
मालूम हो कि मोदी सरकार-1 में ही तत्तकालीन केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा की पहल पर यह फोर लेन मंजूर हुआ था। इसी साल मार्च में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लखनऊ पहुंच कर इसका शिलान्यास भी कर दिया थी। तब बताया गया था कि इसके निर्माण पर कुल 1561 करोड़ रुपये की लागत भी आएगी। बीते लोकसभा चुनाव अभियान के वक्त ही तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने गंगा पार बैरनपुर में अपनी सभा मे यह साफ बता दिया था कि फोर लेन का निर्माण ताड़ीघाट से जमानियां जा रही एनएचआई की पुरानी सड़क पर नहीं होगा।
इस फोर लेन का पहला डीपीआर गंगा पार ताड़ीघाट-मलसा होते हुए वाया जमानियां सैय्यदराजा तक बना था, लेकिन राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार इसके लिए घनी आबादी वाली कई बस्तियां उजाड़नी पड़तीं। कई पक्के निर्माण ढहाने पड़ते। उनके मुआवजे भी देने पड़ते। इससे फोर लेन के निर्माण की लागत भी बढ़ रही थी। उसके कारण दूसरा डीपीआर बना। उसमें घनी आबादियों से बाईपास बनाने की जरूरत बताई गई, लेकिन उसे भी खारिज कर तीसरा डीपीआर बना। रही बात गंगा पार ताड़ीघाट-मलसा से जमानियां तक जाने वाले मार्ग की तो इसका चौड़ीकरण लगभग तय है। राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि संभवतः इसके लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनएचआई पहले से मार्ग के अगल-बगल उपलब्ध भूखंड का इस्तेमाल कर उसके चौड़ीकरण का काम पूरा कर देगी।
मालूम हो कि मोदी सरकार-1 में ही तत्तकालीन केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा की पहल पर यह फोर लेन मंजूर हुआ था। इसी साल मार्च में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लखनऊ पहुंच कर इसका शिलान्यास भी कर दिया थी। तब बताया गया था कि इसके निर्माण पर कुल 1561 करोड़ रुपये की लागत भी आएगी। बीते लोकसभा चुनाव अभियान के वक्त ही तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने गंगा पार बैरनपुर में अपनी सभा मे यह साफ बता दिया था कि फोर लेन का निर्माण ताड़ीघाट से जमानियां जा रही एनएचआई की पुरानी सड़क पर नहीं होगा।