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गाजीपुर: यदुवंशी प्रेम और चाटूकार प्रतिनिधियों ने डूबा दी मनोज सिन्हा की लुटिया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लोकसभा चुनाव के मतगणना बीतने के बाद जिले के हर चट्टी-चौराहों पर अफजाल अंसारी और मनोज सिन्‍हा के बीच राजनीतिक जंग की चर्चा हो रही है। राजनैतिक लोग इस ऐतिहासिक हार-जीत को लेकर अपने-अपने ठंग से व्‍याख्‍या कर रहे हैं। मनोज सिन्‍हा के हारने के कारणों में सबसे ज्‍यादा प्रमुख कारण सामने आया है कि मनोज सिन्‍हा का यदुवंशी प्रेम और चाटूकार प्रतिनिधियों ने रेल राज्‍य मंत्री की चुनाव में लुटिया डूबा दी। मनोज सिन्‍हा ने जखनियां, सैदपुर और जंगीपुर विधानसभा में यदुवंशियों पर डोरे डालने के लिए करीब दो वर्षो से होमवर्क किया है। जखनियां में पूर्व प्रमुख संतोष यादव को अपने पाले में लाकर विरोधियों की नींद उड़ा दी। चुनाव आते-आते छुठभैया यदुवंशी नेताओं की गिनती मनोज सिन्‍हा के करीबियों में होने लगी। यदुवंशियों की मनोज सिन्‍हा के दरबार में सबसे ज्‍यादा मान-सम्‍मान होने लगा। 

जिसे देखकर पुराने भाजपाई भी परेशान होने लगे। इसी बीच चाटूकार प्रतिनिधियों के बेतूका सुझाव पर मनोज सिन्‍हा मुसलमानों पर भी मेहरबान होने लगे और उन्‍हे पक्‍का विश्‍वास हो गया कि करीब दो लाख वोट हमे यादव और मुसलमान का मिल जायेगा। लेकिन जब रिजल्‍ट आया तो यादव बाहुल्‍य विधानसभा जखनियां में 44500 सैदपुर में 38700 जंगीपुर में 30 हजार और जमानियां में 12 हजार मतों से पराजित हो गये। हार के दूसरे कारण बने रेल राज्‍य मंत्री के चाटूकार प्रतिनिधि, जिनकी संख्‍या लगभग आधा दर्जन थी। चाटूकार प्रतिनिधियों की शान-शौकत रेल राज्‍य मंत्री से भी ज्यादा था। जनता रेल राज्‍य मंत्री से बड़े आराम से मिलकर बात कर लेती थी और अपना सुख-दुख कह लेती थी लेकिन इन चाटूकार प्रतिनिधियों से बात करना तो दूर मिलना एक टेढ़ी खीर की बात थी। एक प्रति‍निधि ने बकायदा अपने आवास पर सीआईएसएफ जवानों की ड्यूटी लगा रखी थी। 

इन प्रति‍निधियों ने भी अपने चार-चार पीए रख लिये थे। कभी कोई जरुरत मंद फोन करता तो प्रतिनिधियों के पीए कोई न कोई बहाना बनाकर जनता को किनारे लगा देते थे। ये प्रतिनिधि कार्यक्रम के नाम पर लाखो-करोड़ों का दोहन करने में अपना पूरा समय व्‍यतीत करते थे। जब मंत्री जी का आगमन गाजीपुर में होता था तो वह मंत्री जी का गणेश परिक्रमा करने में लग जाते थे। यह प्रतिनिधि मनोज सिन्‍हा को जमीनी हकीकत कभी नही बताते थे केवल विरोधी पार्टी के दगे कारतूस नेताओं को भाजपा का गमछा पहनाकर अपनी पीठ खुद थपथपा लेते थे। आज भी लोग मनोज सिन्‍हा को सबसे ज्‍यादा प्‍यार और सम्‍मान करते हैं लेकिन इन प्रतिनिधियों ने जनता की उपेक्षा कर नेता जी की लुटिया डूबो दी।

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