गाजीपुर: अतुल ने याचिका वापस ली, हाईकोर्ट में फिर सुनवाई 30 को
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर घोसी के नवनिर्वाचित बसपा सांसद अतुल राय को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। कथित यौन उत्पीड़न के मामले में दर्ज एफआईआर निरस्त करने के लिए अतुल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किए थे, लेकिन एक समाचर एजेंसी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश कालीन पीठ ने सोमवार को नवनिर्वाचित सांसद की याचिका निरस्त कर दी। कोर्ट ने हालांकि उन्हें जमानत के लिए सक्षम अदालत का दरवाजा खटखटाने की इजाजत दे दी। मालूम हो कि वाराणसी के लंका थाने में गत दो मई को अतुल के खिलाफ एक स्वजातीय छात्रा ने दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। सप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में अतुल राय का कहना था कि उनके खिलाफ दुष्कर्म के आरोप झूठे, बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित है। अतुल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी एक अर्जी वाराणसी की कोर्ट में भी लंबित है। उस पर 28 मई को सुनवाई होनी है।
इसी बीच अतुल राय के प्रवक्ता रॉकी राय ने मय अदालती दस्तावेजी साक्ष्य संग बताया है कि समाचार एजेंसी की यह खबर बिल्कुल गलत है। सच्चाई यह है कि इसके पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतुल राय की दाखिल याचिका पर सुनवाई में सरकारी वकील ने गलत तथ्य देकर इलाहाबाद हाईकोर्ट को गुमराह किया था। यह मामला संज्ञान में आने के बाद हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को पार्टी बनाते हुए एक बार पुनः अतुल राय की अपील स्वीकार कर ली और फिर सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख तय कर दी। इस दशा में एक ही मामले की याचिकाओं पर दो शीर्ष न्यायालयों में एक साथ सुनवाई नही हो सकती। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका अतुल राय ने खुद वापस ले ली है।
मालूम हो कि यह मामला ऐन उनके चुनाव अभियान के वक्त ही उठा था। उसके बाद ही वाराणसी पुलिस हरकत में आ गई। अतुल राय की तलाश शुरू हो गई। उनके संभावित ठिकानों पर बराबर दबिश पड़ने लगी। बावजूद बसपा कार्यकर्ता और बसपा मुखिया विचलित नहीं हुए। बल्कि ऐसे मामलों में आमतौर पर पल्ला झाड़ लेने वाली बसपा मुखिया मायावती अपने मिजाज के बिल्कुल उलट अतुल राय के पक्ष में खड़ी हो गईं। न सिर्फ ट्विट कर वह अतुल राय को बेकसूर बताते हुए उनके खिलाफ भाजपा की गहरी साजिश बताईं।
बल्कि अतुल की फरारी में उनके लिए अपने गठबंधन के साथी सपा मुखिया अखिलेश यादव को साथ लेकर मायावती साझी चुनावी रैली करने घोसी भी पहुंची। नतीजा करीब डेढ़ लाख वोटों के अंतर से अतुल भाजपा उम्मीदवार को हराए। अतुल के समर्थकों की मानी जाए तो कथित पीड़ित छात्रा पुलिस को वाराणसी स्थित उस फ्लैट की पहचान भी नहीं करा पाई, जहां उसके साथ दुष्कर्म की कथित घटना हुई थी। समर्थकों का कहना है कि घोसी की जनता ने अतुल को शानदार जीत दिलाकर भाजपा को उसकी साजिश का करारा जवाब दे चुकी है और अब कोर्ट भी उनके साथ पूरा न्याय करेगी।