गाजीपुर: नई नवेली पत्नी का खौफनाक फैसला, पति को जहर देकर प्रेमी संग भागने की थी तैयारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर वह अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक रिश्ता निभाने का वचन ली, लेकिन शादी के दसवें दिन ही वह प्रेमी के खातिर पति की हत्या की खौफनाक साजिश रच दी। सुखद संयोग रहा कि वह अपनी साजिश को अंजाम देती कि उसके पहले ही रंगे हाथ पकड़ी गई। यह रौचक वाकया खानपुर थाने के भुजहुआ गांव का है। आखिर में मामला पुलिस तक पहुंचा। थाने में लंबी पंचायत चली। किसी पक्ष से तहरीर नहीं मिलने पर पुलिस भी दोनों पक्षों पर फैसला छोड़कर अपना फर्ज पूरा मानने में ही अपनी भलाई समझी। भुजहुआ के पीयूष गिरि की शादी 15 मई को पड़ोसी जिला जौनपुर के केराकत थाना अंतर्गत मतिहारी गांव की ममता गोस्वामी से हुई थी। शादी से पहले ही मतिहारी गांव के ही युवक राजन से ममता का प्रेम संबंध चल रहा था। शादी के बाद भी ममता उसके संपर्क में थी।
फोन पर ममता ने अपने पति से मुक्ति पाने की योजना बनाई। योजना के तहत राजन शुक्रवार की रात भुजहुआ पहुंच गया। फिर ममता भी शौच के बहाने घर से बाहर निकली। उसके पहले वह अपने सारे जेवर भी समेट ली थी। राजन से एकांत में मिलने के बाद वह सारे जेवर राजन को सौंप दी। राजन अपने साथ लाया सल्फास की डिब्बी ममता को दे दिया। घर लौटकर ममता दूध में सल्फास की गोली मिलाकर पति को देती उसके पहले ही पति की नजर उस पर पड़ गई। इस बात को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा शुरू हो गया। आवाज मिलने पर परिवार के अन्य सदस्य भी उनके कमरे में पहुंचे। पूरा माजरा सुन वह सभी आवाक रहे गए।
इसके बाद फोन से ममता के मायके वालों को भी बुलाया गया। साथ ही ससुरालियों ने उसी पल ममता को घर से बाहर कर दिया। सुबह ग्राम प्रधान गुड्डू यादव के जरिये ममला थाने में पहुंचा। थाना में ममता को रखने के लिए न ससुराली और न मायके वाले ही तैयार थे। एसओ खानपुर जितेंद्र दूबे ने ममता से जानकारी लेकर उसके प्रेमी को बुलवाया। प्रेमी ममता को सल्फास उपलब्ध कराने की बात स्वीकारा। बावजूद तहरीर न मिलने की दशा में पुलिस ने कोई कार्रवाई करने में असमर्थता जताई और उन दोनों को छोड़ दिया। पूछताछ में प्रेमी ने बताया कि वह अनुसूचित जाति का है। एसओ खानपुर ने कहा कि प्रेमी युगल शादी करने की बात कह रहे थे।