सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के दांव से अंदर व बाहर के दोनों विरोधी चित
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बलिया लोकसभा प्रत्याशी के चयन में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ऐसा धोबिया पाठ दांव मारा जिससे पार्टी के अंदर और बाहर दोनों विरोधी चित हो गये। एक तरफ सपा-बसपा प्रत्याशी पर ब्राह्मण कार्ड खेलने से भाजपा को गंभीर चोट देते हुए पार्टी के अंदर राजा भैया व यशवंत सिंह के खेमे को जमीदोज कर दिया। अखिलेश यादव की इस कदम की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर है। राजनीतिक पंडित इसे अखिलेश यादव का लीडर के रुप में सधा हुआ कदम मानते हैं। विगत वर्षो से अखिलेश यादव अप्रत्याशित निर्णय लेकर राजनीति जगत में तहलका मचा दिया है। अखिलेश यादव ने बसपा से गठबंधन कर पूरे देश की राजनीति को एक नई दिशा दी और भाजपा के बढ़ती अश्वमेघ घोड़े को रोकने का प्रयास किया है।
वहीं राज्यसभा चुनाव में राजा भैया द्वारा दिये गये राजनीतिक घात को उन्होने अपने मन में साध लिया था और धीरे-धीरे पूरे पूर्वांचल से उनके समर्थकों और शुभचिंतकों को धुल चटा दी। बलिया लोकसभा चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी का चयन लगातार मीडिया के सुर्खियों में छाया रहा। राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर, राजीव राय, सनातन पांडेय, संग्राम यादव आदि आधा दर्जन लोग पार्टी के टिकट के लिए प्रयासरत थे। सभी लोकसभा के सीट घोषित कर दिया लेकिन बलिया लोकसभा प्रत्याशी का घोषणा 28 अप्रैल के दोपहर तक रोके रहे और सभी लोगों से बातचीत कर मंथन करते रहे। सपा सुप्रीमो के मन में क्या चल रहा है यह कोई नेता भांप नही सका।
अंतिम क्षणों में भी नीरज शेखर व सुषमा शेखर का नाम लेकर अखिलेश यादव सोशल मीडिया के सुर्खियों में छा गये। लेकिन 28 अप्रैल की देर शाम को गुपचुप तरीके से सनातन पांडेय को टिकट देकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया। अखिलेश यादव ने यह निर्णय लेकर यह साबित कर दिया कि निजी संबंधों से बड़ा है पार्टी का हित। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि नीरज शेखर पर कहीं न कहीं राजा भैया और एमएलसी यशवंत सिंह से तार जुड़ा था और मुहम्मदाबाद विधानसभा के सपा प्रत्याशी राजेश राय पप्पू के भाई तत्कालीन एआरटीओ नरेंद्र राय, जिला पंचायत अभियंता अरविंद राय पर व्यक्तिगत रंजिश रखते हुए नीरज शेखर ने राय बंधुओं को शासन से निलंबित करा दिया और तरह-तरह की जांच करा कर उन्हे नाहक परेशान किया। इस बात का संज्ञान लेते हुए पार्टी के हाईकमान ने नीरज शेखर का पत्ता साफ कर दिया।
वहीं राज्यसभा चुनाव में राजा भैया द्वारा दिये गये राजनीतिक घात को उन्होने अपने मन में साध लिया था और धीरे-धीरे पूरे पूर्वांचल से उनके समर्थकों और शुभचिंतकों को धुल चटा दी। बलिया लोकसभा चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी का चयन लगातार मीडिया के सुर्खियों में छाया रहा। राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर, राजीव राय, सनातन पांडेय, संग्राम यादव आदि आधा दर्जन लोग पार्टी के टिकट के लिए प्रयासरत थे। सभी लोकसभा के सीट घोषित कर दिया लेकिन बलिया लोकसभा प्रत्याशी का घोषणा 28 अप्रैल के दोपहर तक रोके रहे और सभी लोगों से बातचीत कर मंथन करते रहे। सपा सुप्रीमो के मन में क्या चल रहा है यह कोई नेता भांप नही सका।
अंतिम क्षणों में भी नीरज शेखर व सुषमा शेखर का नाम लेकर अखिलेश यादव सोशल मीडिया के सुर्खियों में छा गये। लेकिन 28 अप्रैल की देर शाम को गुपचुप तरीके से सनातन पांडेय को टिकट देकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया। अखिलेश यादव ने यह निर्णय लेकर यह साबित कर दिया कि निजी संबंधों से बड़ा है पार्टी का हित। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि नीरज शेखर पर कहीं न कहीं राजा भैया और एमएलसी यशवंत सिंह से तार जुड़ा था और मुहम्मदाबाद विधानसभा के सपा प्रत्याशी राजेश राय पप्पू के भाई तत्कालीन एआरटीओ नरेंद्र राय, जिला पंचायत अभियंता अरविंद राय पर व्यक्तिगत रंजिश रखते हुए नीरज शेखर ने राय बंधुओं को शासन से निलंबित करा दिया और तरह-तरह की जांच करा कर उन्हे नाहक परेशान किया। इस बात का संज्ञान लेते हुए पार्टी के हाईकमान ने नीरज शेखर का पत्ता साफ कर दिया।