गाजीपुर: उधर निरहुआ भाजपा से सटा, इधर यदुवंशियों का गुस्सा फूटा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को अपने पाले में लेकर भाजपा यदुवंशी समाज के वोट बैंक में कितना सेंध मारेगी और लोकसभा चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव को आजमगढ़ में घेरने में किस हद तक कामयाब होगी। यह वक्त बताएगा लेकिन निरहुआ के इस राजनीतिक फैसले से उन पर बिरादरी की विरोधी टिप्पणियों की बौछार शुरू हो गई है और सपा के कॉडर के सवालों में वह घिरने लगे हैं। सोशल मीडिया पर यदुवंशी समाज के लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। हालांकि निरहुआ के फेसबुक पेज पर बीते 13 मार्च की एक फोटो पोस्ट है।
उस फोटो में निरहुआ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दिख रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा में उनके जाने को लेकर खिचड़ी काफी दिनों से पक रही थी लेकिन भाजपा की सदस्यता उन्होंने इसी बुधवार को विधिवत ग्रहण की। लखनऊ स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने माल्यार्पण कर निरहुआ को सदस्यता दिलाई। माना जा रहा है कि आजमगढ़ संसदीय सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव को घेरने में भाजपा निरहुआ का इस्तेमाल करेगी। निरहुआ के इस फैसले से उनके फेसबुक पेज पर यदुवंशी समाज के लोगों ने खूब गुस्सा उतारा है।
किसी बाबूराम यादव ने अपने कमेंट में कहा है- दिनेश जी बहुत नासमझी वाला फैसला लिया है अपने समाज के खिलाफ यह कदम उठाकर सही नहीं किया है। आप अपनी फिल्मों के बारे में सोचें। आपकी फिल्मों को कितने मनुवादी देखते हैं। आपको जो प्यार और स्नेह मिला वह आपके समाज से ही मिला है।… सुना जा रहा है कि आप आजमगढ़ आ रहे हैं। आप आजमगढ़ का पुराना इतिहास देख लें। आपका फैन और अपने समाज का होने के कारण मैं सलाह दे रहा हूं कि आजमगढ़ आने के बारे में सोचिएगा भी नहीं।
अखिलेश यादव के खिलाफ खड़े होने के बारे में सोचिएगा भी नहीं। अखिलेश यादव मान और शान हैं। यादव समाज अखिलेश यादव के लिए मर मिटेगा। आजमगढ़ से बहुत बेइज्जत हो के जाएंगे। इसी तरह किसी सुधीर यदुवंशी ने लिखा है- यादव के नाम पर कलंक हो तुम। इसी तरह और भी कई लोगों ने निरहुआ को भरहिक कोसा है। जबकि उसी पोस्ट पर भाजपा समर्थकों ने निरहुआ को बधाई दी है। उधर निरहुआ के पैतृक गांव टडवां ब्लाक मनिहारी जिला गाजीपुर के यदुवंशी भी मायूस हैं।
निरहुआ के खानदान से जुड़े ग्राम प्रधान एस नाथ यादव इस सवाल पर उबासी लेते हुए कहे- हमारे लिए खानदान की बात है। निरहू जहां रहेंगे मुझे भी वहीं रहना होगा। एक अन्य सवाल पर ग्राम प्रधान ने माना कि गांव के बिरादरी के लोग नहीं चाहते कि निरहू पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ें।
2001 में चमका था निरहुआ
दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ की जिंदगी का सफरनामा भी कम रोचक नहीं है। बचपन मुफलिसी में कटा लेकिन वर्ष 2001 में उनकी किस्मत तब पल्टी जब उनका एलबम ‘बुढवा में दम बा’ और ‘मलाई खाए बुढवा’ रिलीज हुआ। फिर वर्ष 2003 में उनका एलबम ‘निरहुआ सटल रहे’ आया। फिर तो शोहरत और दौलत उनके कदम चुमने लगी। आज वह लग्जरी लाइफ जीते हैं। हजारों, लाखों उनके फैन्स हैं।
कहीं बड़े भाई की तरह छोड़ न दें ‘रण’
दिनेश लाल यादव निरहुआ को भाजपा में आए एक दिन हुए हैं कि इस पार्टी में उनकी मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसके पीछे उनके सगे चचेरे बड़े भाई और मशहूर गवइया विजय लाल यादव हैं। विजय लाल यादव वर्ष 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा उन्हें प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश यादव के खिलाफ गाजीपुर की जंगीपुर सीट से उम्मीदवार बनाई थी लेकिन नामांकन के एक दिन पहले ही वह नाता तोड़कर भाजपा को करारा झटका दिए थे।
यहां तक कि गाजीपुर के चुनावी राजनीतिक के इतिहास में विजय लाल यादव का कहानी दर्ज हो गई थी। उनके भागने के बाद अपने इलाकाई नेता कुंवर रमेश सिंह पप्पू के नाम का टिकट लेकर भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय हेलिकॉफ्टर से गाजीपुर पहुंचे थे। वजह कि उसी दिन नामांकन का अंतिम दिन था।