गाजीपुर: गाजीपुर के सपूत डा. डीपी सिहं ने दुनिया में किया जिले का नाम रोशन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर रामसखी देवी मेमोरियल सेवाश्रम हास्पिटल में शुक्रवार को शिक्षाविदो एवं चिकित्सको की एक महत्वपूर्ण सभा हुई। जिसमें सेवाश्रम हास्पिटल के चिकित्सा निदेशक डा. डीपी सिंह का माल्यापर्ण कर भव्य स्वागत किया गया। ज्ञातव्य है कि पिछले दिनो होमियोपैथिक के इतिहास में गाजीपुर दो महत्वपूर्ण होमियोपैथीक कार्यक्रमो के लिए जाना गया है। जिसमें थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक में आयोजित अंर्तराष्ट्रीय होमियोपैथिक कांफ्रेंस में गेस्ट ऑफ आनर से सम्मानित किया गया। डा. डीपी सिहं ने पूरे विश्व से आये हुए सैकड़ो चिकित्सा विज्ञानियो एवं अनुसंधान वक्ताओं की उपस्थिति मे बेस्ट परिणाम ऑफ होमियोपैथी इन इमरजेंसी डिजिजेज विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया एव विगत दिनो कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम रीवां म.प्र. में आयोजित राष्ट्रीय नि:शुल्क चिकित्सा शिविर एवं राष्ट्रीय होमियोपैथिक संगोष्ठी में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं उडि़सा से आये हुए हजारो की संख्या में मरीजो को पूरे देश से आये हुए लगभग 70 डाक्टरो से नि:शुल्क परामर्श दिया एंव नि:शुल्क दवाओं का वितरण किया गया। मध्यप्रदेश की होमियोपैथिक चिकित्सा परिषद की रजिस्ट्रार डा. आयशा अली, एपीएस विश्वविद्यालय के कुलपति डा. केएन सिंह ने संयुक्त रूप से लिजेंद्र आफ होमियोपैथी पुरस्कार एवं अंग वस्त्रम् से डा. डीपी सिंह को सम्मानित किया। आज की सभा में वक्ताओं ने गाजीपुर जनपद का नाम देश एवं विदेश में रोशन करने पर डा. डीपी सिंह को बधाई दी एवं अपने जनपद का परचम भविष्य में भी लहराते रहने का वचन लिया।
डा. मनोज मिश्रा ने अपने उद्बोधन में बताया कि सेवाश्रम हास्पिटल के माध्यम से अन्य चिकित्सा विधाओं के अलावा अंर्तराष्ट्रीय होमियोपैथिक विभाग के द्वारा डा. डीपी सिंह ने लकवा, गठिया, कैंसर, चर्मरोग, पथरी रोग एवं रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढाने वाली अंर्तराष्ट्रीय दवाओं के सहयोग से पूर्वांचल नही अपितु पूरे प्रदेश में अपनी सफल सेवा देने का जो कार्य किया है उससे हमारे जनपद का नाम रोशन हुआ है। सभा के अंत में प्रबंध मनोज बापू श्रीवास्तव ने सभी का आभार जताया एवं विश्वास दिलाया कि सेवाश्रम हास्पिटल द्वारा निराश रोगियो की सेवा में कोई कसर बाकी नही रखेंगे। सभा में डा. सूर्य नागवंशी, डा. कीर्तिका, डा. राजेश, अनवर अली, सतीश, संजय, राजीव एवं दीपक यादव के साथ सैकड़ो की संख्या में चिकित्साविद एवं शिक्षाविद शामिल रहें।