गाजीपुर: बैंकों की हड़ताल से 50 करोड का नुकसान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर वेतन बढ़ोतरी समेत पांच मांगों के लिए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारी बुधवार को हड़ताल पर रहे। बैंकों के सामने धरना प्रदर्शन कर मोर्चा निकाला। एसोसिएशन के स्थानीय पदाधिकारियों ने सभा कर अधिकारों की आवाज बुलंद की।बैंकों की बंदी के चलते जिले में लगभग 50-55 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ। अब 8 और 9 जनवरी को कर्मचारी फिर बड़ा आंदोलन करेंगे।
मांगों को लेकर हड़ताल पर गए बैंक कर्मियों की जिद में गाजीपुर में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं। देश भर के बैंक अधिकारी 11वें द्विपक्षीय वेतन संशोधन वार्ता के लिए बिना शर्त आदेश पत्र जारी करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। शहर के अधिकांश इलाकों में एटीएम संचालन भी प्रभावित हुआ हालांकि शुक्रवार की हड़ताल से एटीएम को छूट दी गई है लेकिन बैंकों ने परिसर में अपने एटीएम में रुपया नहीं डाला। महुआबाग, कचहरी के कुछ एटीएम खाली पड़े रहे, वहीं स्टेशन पर एटीएम में रुपये होने से भीड़ लगी रही। हालांकि शाम तक वह भी खाली सा हो गया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने महुआबाग स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यालय पर किया गया। सभा में प्रांतीय अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने सरकार के तानाशाही व सामंतशाही नीतियों का विरोध किया। सरकार की ओर से 3 बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक, व विजया बैंक के विलय को लेकर विरोध किया गया। बैंक कर्मियों ने एनपीए की रिकवरी करने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने की मांग, 11वंा वेतन समझौता में स्केल 4 के ऊपर के अधिकारियों को शामिल करने की मांग, वेतनमान समझौता पर आपसी सहमति जल्द करने की मांग और न्यू पेंशन की जगह पुरानी पेंशन पद्धति को लागू करने की मांग को प्रमुखता से उठाई।
एआईबीओसी के क्षेत्रीय सचिव सत्यम ने भी सरकार की नीतियों का विरोध किया। कहा कि उच्च प्रबंधन की ओर से स्केल 4 एव उसके उपर के अधिकारियों को वेज रिवीजन से अलग करने के प्रस्ताव का विरोध किया। मनीष प्रताप सिंह ने सरकार के श्रम कानून में संशोधन का विरोध किया और 12 सेकेंड एक्ट में संशोधन के तहत होने वाले दुष्परिणामों का भी उल्लेख किया।
इस अवसर पर पुष्कल कुमार, धर्मेद्र प्रसाद, नाजनीन बेगम, आकांक्षा दूबे, स्वेतालिना बेहरा, सरजू चौधरी, निशिकांत सिंह, सुनील कुमार उपाध्याय, दिनेश सिंह, संजय सैनी, सुबोध कुमार, शफी, दिनेश यादव, ब्रह्मदेव सिंह यादव, शांतनु कुमार, प्रभात, विजय प्रताप सिंह, रामकृत राम, विनोद प्रसाद शर्मा, स्वामीनाथ, उदयवीर यादव, बृजेश सिंह आदि शामिल रहे। इस सभा की अध्यक्षता सत्यदेव राम ने किया।
250 बैंक शाखाओं व 300 एटीएम में बंद रहे ताले
यूएफबीयू के द्वारा सरकार के कर्मचारी विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया गया। एक दिन के हड़ताल के बाद लगभी 100 करोड़ रुपये के लेन-देन पर प्रभाव पड़ा है। इस हड़ताल में जिले में लगभग 250 बैंक शाखाओं व 300 एमटी पर ताले लटके रहे। 8 व 9 जनवरी को बैंक कर्मी अपने मांग को लेकर हड़ताल पर रहेगे।
इन यूनियन ने की भागीदारी
इसमें यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स, एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीआईए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनवोबीडब्लू, एनओबीओ, यूनियन्स ने सहभागिता की। इस हड़ताल में पूरे देश में 10 लाख बैंक अधिकारी व कर्मचारी भाग लिए है। इसमें संयुक्त क्षेत्रीय ग्रमीण बैंक ने हिस्सा नही लिया। इसके तहत सिर्फ गाजीपुर में 50-55 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है।