गाजीपुर: दो साल बाद अपने प्रेमी संग पकड़ी गई किशोरी, गोद में थी डेढ़ माह की बेटी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर हंसराजपुर प्रेमी, पति फिर बाप और अब कैदी। कुछ यही कहानी है चक महताब के दलित युवक योगेंद्र राम की। ढाई साल पहले वह पड़ोसी गांव सराय मानिकराज की एक किशोरी को अपना दिल दे बैठा था। किशोरी पिछड़़े वर्ग की एक जाति विशेष के परिवार से थी। बावजूद दोनों की मुहब्बत धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी। कहते हैं कि इश्क छिपता नहीं है। इनके साथ भी यही हुआ। फिर तो किशोरी पर उसके घरवाले सख्ती करना शुरू किए।
आखिर में दोनों प्लान बनाए। उसके मुताबिक आठ सितंबर 2016 को किशोरी अपने स्कूल जखनियां के लिए घर से निकली और उसके बाद दोनों फरार हो गए। किशोरी के घरवालों ने योगेंद्र के खिलाफ अपहरण की एफआइआर शादियाबाद थाने में दर्ज कराई। दोनों की तलाश शुरू हुई। उधर देवेंद्र अपनी प्रेमिका संग मुंबई पहुंचा और उन्होंने वहीं दोनों ने अपनी गृहस्थी बसा ली। बाद में वह गोवा चले गए। गृहस्थी चलाने के लिए देवेंद्र रंगाई-पोताई का काम करने लगा। डेढ़ माह पहले ही उन्हें एक बेटी पैदा हुई।
जाहिर था कि दो साल अप्रवासी रहने के बाद उन्हें अपने घर की याद सताने लगी। वह बेटी संग घर लौटे लेकिन उसके पहले ही मंगलवार को हंसराजपुर बाजार से पकड़े गए। देवेंद्र को तो पुलिस कोर्ट में पेश करने के बाद जेल पहुंचा दी लेकिन उसके सामने सवाल था कि किशोरी को लेकर क्या किया जाए। किशोरी पति के साथ रहने की जिद कर अपने घर लौटने से साफ मना कर दी। आखिर में उसे दूधमुंही बेटी संग सैदपुर के बालिका गृह भेज दिया गया। किशोरी भले देवेंद्र को अपना पति माने लेकिन कानूनन वह एक नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म का आरोपित ही रहेगा। कानून इसके लिए शायद ही उसे माफ करे। तब तय है कि यह प्रेम कहानी अब कानून के मकड़जाल में फंसी रहेगी।