गाजीपुर सुशील वर्मा हत्याकांडः लूट नहीं सिर्फ हत्या था मकसद
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सराफा व्यवसायी सुशील वर्मा की हत्या लूट के लिए नहीं बल्कि किसी और मकसद के लिए हुई। चार दिन की विवेचना के बाद पुलिस अब निष्कर्ष पर पहुंची है। अब पुलिस के लिए यह सवाल सामने हैं कि हत्या के पीछे का मकसद क्या था। कोई पुरानी रंजिश, पारिवारिक कलह अथवा कुछ और। इन सवालों के जवाब के लिए पुलिस तथ्य, साक्ष्य ढूंढ़ रही है। इसमें पुलिस अपने सूत्रों के साथ ही टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल कर रही है। इसी क्रम में सराफा व्यवसायी की सिटी स्टेशन-बड़ीबाग मार्ग स्थित दुकान सहित घटना स्थल के रास्ते के बीच के कुल 25 सीसीटीवी फुटेज कलेक्ट कर वाराणसी की लैब में भेजे गए हैं। ताकि उनमें घटना क्रम के बीच कैद लोगों के चेहरों की ठीक से पहचान की जा सके।
पुलिस कप्तान यशवीर सिंह ने कहा कि अगर वाराणसी लैब की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं रही तो फिर गाजियाबाद लैब में उन्हें भेजा जाएगा। इस घटना के तार मृत सराफा व्यवसायी के चचेरे भाई रमेश वर्मा की कुछ साल पहले हुई हत्या से जुड़ने की आशंका को पुलिस कप्तान ने खारिज किया। अलबत्ता यह जरूर माने कि इसके पीछे इश्कमिजाजी की थ्यूरी पर भी पुलिस चल रही है। उनका कहना था कि हत्या के वक्त बदमाश सराफा व्यवसायी का जो बैग छीन कर ले गए। उसमें कोई रकम नहीं थी। दुकान की चाबियां थीं। इसकी पुष्टि उसकी दुकान के सीसीटीवी फुटेज से हुई है। यह भी स्पष्ट है कि बदमाश हत्या से पहले ही सराफा व्यवसायी की निगाहबानी कर रहे थे। हत्या के दुस्साहसिक तरीके से यह भी तय है कि इस वारदात को पेशेवर बदमाशों ने अंजाम दिया। मालूम हो कि बीते 21 सितंबर की रात करीब सवा नौ बजे दुकान बंद कर घर लौट रहे मारकीनगंज के सराफा व्यापारी सुशील वर्मा को भाजपा कार्यालय स्थित शराब की दुकान के पास बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी और उनका बैग लूटकर चलते बने थे। सरेआम इस घटना जहां गाजीपुर के लोगों को थर्रा दी वहीं पुलिस के लिए भी यह बड़ी चुनौती बन गई है।