गाजीपुर जेल बवालः कुल 16 नामजद, चार कुख्यात कैदी खास सेल में शिफ्ट
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिला जेल में बवाल के बाद अब हालात पूरी तरह काबू में हैं। जेल अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद ने इस मामले में 16 नामजद और करीब 100 अज्ञात कैदियों के खिलाफ बलवा, आगजनी करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में शहर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई है। नामजद अभियुक्तों में परमवीर सिंह(तुगाना छपरौली बागपत), विकाश खरवार(शेखपुरा थाना जंगीपुर गाजीपुर), वाहिद(अराजी कस्बा बहरियाबाद गाजीपुर) तथा विनय राय उर्फ पमपम(देवरिया कोवताली जमानियां गाजीपुर) को जेल अस्पताल में बने एक खास सेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
इनके अलावा नामजद कैदियों में पंकज राय(हरदासपुर थाना करीमुद्दीनपुर गाजीपुर), महेंद्र राजभर(भरसौना थाना चोलापुर वाराणसी), कुंदन यादव(सेवराईं थाना गहमर गाजीपुर), रितेश उर्फ अंकुर राय(परसा थाना मुहम्मदाबाद गाजीपुर), विमलेश सिंह(हेमनपुर राय पट्टी गहमर गाजीपुर), राजेश यादव(बजरडीहा चंदन भलुअनी देवरिया), श्रवण यादव(वार्ड नंबर नौ सादात), रिंकू उर्फ धर्मेंद्र उर्फ विकाश सिंह(मोरहूं थाना सोरांव इलाहाबाद), मंटू राय(भागवत राय पट्टी रेवतीपुर गाजीपुर), राकेश फौजी(हेमनराय पट्टी गहमर गाजीपुर), गोरखबिंद(बढ़ईपुर मुहम्मदाबाद गाजीपुर) और अभय उर्फ अभिनंदन(सेवराईं गहमर गाजीपुर) शामिल है। जेल अधीक्षक ने हालात पूरी तरह काबू में है। घटना के बाबत आईजी जेल को रिपोर्ट भेज दी गई है।
मालूम हो कि गुरुवार की शाम करीब तीन बजे बैरक दो, चार, पांच तथा सात नंबर बैरक के कैदियों ने जेल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वह बंदी रक्षक श्रीराम तथा सीसीटीवी मैकेनिक को बंधक बना लिए थे। साथ ही बैरकों के कंबल, दरी फूंक दिए थे। रसोई घर में घुस कर दो गैस सिलेंडर व रोटी बनाने वाली मशीन को भी आग के हवाले कर दिए थे। जेल कर्मियों पर पथराव भी किए थे। कई थानों की फोर्स के साथ अधिकारी जेल पहुंचे थे। फिर डीएम के बालाजी, एसपी यशवीर सिंह, सीडीओ हरिकेश चौरसिया भी पहुंचे। कैदियों ने डीएम को बकायदा लिखित शिकायत पत्र देकर कहा कि उन्हें मानक के हिसाब से भोजन और चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलती। उधर जेल के अधिकारियों का कहना था कि आईजी जेल चंद्रप्रकाश के आदेश पर बैरकों में लग रहे सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल फोन ट्रेकर के इस्तेमाल और बैरकों की सघन तलाशी से कैदियों की मनमानी पर पूरी तरह अंकुश लग गया है। वह इससे एकदम बौखला गए हैं। जेल में बवाल उनकी इसी बौखलाहट का नतीजा था।