गाजीपुर: पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के समर्थन में आगे आए सपा के युवा नेता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मारपीट के मामले में फंसे पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह की ओर से जहां खुद के खिलाफ एफआइआर को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है वहीं उनकी पार्टी सपा के बड़े नेता भी चुप्पी साध लिए हैं लेकिन युवा नेताओं ने अपने वरिष्ठ नेता के लिए मुंह खोला है। वह मानते हैं कि पूर्व मंत्री के खिलाफ सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि के खिलाफ यह बड़ी साजिश है।
वह इस मुद्दे को लेकर जनांदोलन तक की तैयारी में हैं। युवा नेता डॉ.समीर सिंह ने कहा कि सच्चाई यह है कि सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि अपने चुनावी वादे और जनता के प्रति अपनी जवाबदेयी से बचने की फितरत में लगे हैं। उनकी कोशिश है कि किसी भी तरह जनता को उसके असल मुद्दों से भटकाया जाए। इसके लिए विरोधी दलों के बड़े नेताओं के खिलाफ कुछ ऐसा किया जाए कि वह कानूनी पेंच में फंसे रहें और जनता का ध्यान उन्हीं की ओर चला जाए। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ एफआइआर इसी साजिश की एक कड़ी है।
डॉ.समीर ने जमानियां की भाजपा विधायक सुनीता सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि वह और उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में सड़क, बिजली और चिकित्सकीय जैसी बुनियादी जरूरतों को लेकर लंबे चौड़े वादे की थी लेकिन उनके वह वादे जहां के तहां पड़े हैं। भाजपा की सरकार को आए करीब एक साल होने को है लेकिन जमानियां की तस्वीर कितनी बदली। यह आमजन को पता है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज झूठी एफआइआर वापस नहीं हुई तो पार्टी के युवा कार्यकर्ता सड़क पर उतरने से परहेज नहीं करेंगे। सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनुराग सिंह ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ एफआइआर जैसी कार्रवाई कोई पहली बार नहीं हुई है। जनता के सवालों पर वह कई बार जेल जा चुके हैं।
लाठियां खाए हैं लेकिन एक निहायत झूठे आरोप में उनके खिलाफ एफआइआर का मतलब है कि भाजपा अब हर किसी को दबाने, प्रताड़ित करने पर आमादा हो चुकी है जो उसके खिलाफ आवाज उठा रहा है। भाजपा मुगालते में है कि वह ऐसा कर अपना राजपाट चलाती रहेगी।
हकीकत यही है कि अब जनता उसके चाल-चरित्र को जान चुकी है। मालूम हो कि बीते 16 अप्रैल 2016 को पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के पैतृक गांव सेवराई में चकरोड के निर्माण को लेकर ग्रामीण वशिष्ठ नारायण सिंह से विवाद हुआ था। तब ओमप्रकाश सिंह प्रदेश सरकार के मंत्री थे। वशिष्ठ सिंह ने उन पर और उनके साथियों पर मारपीट का आरोप लगाया था। उन्होंने गहमर थाने में तहरीर दी थी लेकिन कुछ नहीं हुआ था।
अब जबकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो वशिष्ठ सिंह लखनऊ पहुंच कर डीजीपी के इंसाफ की गुहार लगाए। डीजीपी के आदेश पर गहमर थाने में ओमप्रकाश सिंह तथा उनके साथी जावेद खान व अनिल सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई है। पुलिस विवेचना शुरू कर दी है।