गाजीपुर: कोरम के अभाव में जमानियां ब्लाक प्रमुख सीमा यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जमानियां ब्लाक प्रमुख सीमा यादव की कुर्सी सोमवार को साफ बच गई। कोरम के अभाव में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आहूत बैठक निरस्त कर दी गई। डीएम के बालाजी की ओर से पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित एसडीएम जमानियां सत्यप्रकाश मिश्र ने बताया कि निश्चित वक्त पर सुबह दस बजे बैठक की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन कुल 130 में ब्लाक प्रमुख को छोड़ कर मात्र 65 बीडीसी सदस्य ही भाग लेने पहुंचे। दोपहर 12 बजे तक यही स्थिति बनी रही।
ब्लाक प्रमुख भी सामान्य सदस्यों के साथ विराजी थीं। हालांकि बैठक निरस्त होने की घोषणा के कुछ ही पल बाद चार-पांच सदस्य धमके लेकिन एडीएम ने उन्हें अंदर जाने से साफ मना कर दिया। जाहिर था कि कोरम के अभाव में बैठक निरस्त करनी पड़ी। मालूम हो कि बीते 30 अक्टूबर को विरोधी खेमे के बीडीसी सदस्य हरवंश यादव की अगुवाई में कुल 75 सदस्यों ने मय शपथपत्र अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस डीएम को दी थी। उसकी प्रतिक्रिया में ब्लाक प्रमुख सीमा यादव के समर्थन में 83 सदस्यों का शपथ पत्र डीएम को सौंपा गया।
जांच के बाद डीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक की तारीख मुकर्रर कर दी। उसी बीच ब्लाक प्रमुख हाईकोर्ट की शरण में पहुंची। जहां बीते 21 नवंबर को आदेश हुआ कि अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक की कार्यवाही पूरी की जाए लेकिन उसके अंतिम फैसले की घोषणा अगले आदेश तक रोका जाए। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि इस अवधि में विकास कार्यों के संचालन का अधिकार ब्लाक प्रमुख सीमा यादव के पास यथावत रहेगा।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए आहूत बैठक के वक्त एडीएम राजेश कुमार, एएसपी सिटी प्रदीप कुमार, सदसय् एसडीएम विनय कुमार गुप्त, एसडीएम मुहम्मदाबाद ज्ञानप्रकाश यादव, सैदपुर एसडीएम सत्यम मिश्र के अलावा सीओ जमानियां आरबी सिंह, डीपीआरओ लालजी दूबे सहित काफी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे। कोरम के अभाव में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आहूत बैठक निरस्त होने के बाद ब्लाक प्रमुख के पति दिनेश यादव ने गाजीपुर न्यूज़ से बातचीत में कहा कि विरोधियों ने सबको भ्रम में डाल कर अपने स्वार्थ की पूर्ति की साजिश की थी लेकिन हकीकत सामने आने के बाद बीडीसी सदस्यों का बहुमत दोबारा उनके पक्ष में मजबूती से खड़ा हो गया।
औधे मुंह अविश्वास प्रस्ताव गिरने को लेकर राजनीतिक हलके में भी चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा है कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे माफिया एमएलसी ब्रजेश सिंह के साला पूर्व ब्लाक प्रमुख बलवंत सिंह का दिमाग लगा था। अविश्वास प्रस्ताव के वक्त वह भी पहुंचे थे। कुछ लोगों का कहना है कि अपने खुद के सद्व्यवहार के कारण ब्लाक प्रमुख सीमा यादव अपनी कुर्सी बचाने में सफल हुईं।