जहां जाएंगे मनोज सिन्हा वहां तक करूंगा पीछाः अफजाल
गाजीपुर। बसपा के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी गाजीपुर अगला लोकसभा चुनाव गाजीपुर से लड़ेंगे और उस चुनाव में अपने सियासी धुर विरोधी संचार एवं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को पटकनी देने की पूरी तैयारी में हैं। रविवार को यूसुफपुर के अंसारिया स्कूल में पार्टी की बैठक में श्री सिन्हा का बगैर नाम लिए कहे-पता चला है कि गाजीपुर के बजाय वह वाराणसी से अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
वह गाजीपुर से लड़ें अथवा वाराणसी से मैं वहां उनके खिलाफ चुनाव लड़ूंगा और तय है कि उन्हें पटकनी दूंगा। उन्होंने कहा कि वह जब अकेले अपनी पार्टी कौमी एकता दल से नगर निकाय चुनाव में गाजीपुर की आठ में चार निकायों में अपना चेयरमैन बनाया तो आज तो वह बसपा में हैं और बसपा के बूते सभी आठ नगर निकायों में पार्टी का झंडा फहराएंगे। इस मौके पर उन्होंने 24 अक्टूबर को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की प्रस्तावित रैली को सफल बनाने का आह्वान किया। सैदपुर प्रतिनिधि के अनुसार निर्वतमान सभासद इमरान अब्बासी के आवास पर पूर्व सांसद अफजाल अंसारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोले।
उनकी जुबान तल्ख थी। कहे कि श्री मोदी मदारी हैं। वह करतब दिखाते हैं। भोली-भाली जनता उनके झांसे में आ गई। उन्होंने कहा कि उनमें और मोदी में फर्क है। मोदी एक नंबर के झूट्ठे हैं और वह झूठ नहीं बोलते। लोकसभा चुनाव में मोदी ने रोजगार देने की बात कही थी। सत्ता में आए तो अपने मुल्क में तो बेरोजगारों को मौका नहीं दिए। यह जरूर किए कि अपनी नीति से विदेश में रोजगार पाए नौजवानों को बेरोजागर बना कर जरूर घर लौटा लाए। महंगाई के मसले पर भी मोदी फेल रहे।
कांग्रेस की हुकूमत में पेट्रोल 58 रुपये लीटर था आज मोदी के काल में यह बढ़ कर 78 रुपये प्रति लीटर हो गया है। किसानों के भी मोदी विरोधी हैं। आलू किसान आज खून के आंसू रो रहे हैं। उनका आलू कोल्ड स्टोरेज में सड़ रहा है। किसानों की कर्ज माफी के नाम पर एक या दो रुपये के चेक थमाए जा रहे हैं। श्री अंसारी ने कहा कि मोदी का नारा है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जबकि सच्चाई यह है कि बीएचयू की छात्राएं अपनी सुरक्षा का सवाल उठाईं तो उन पर नाहक लाठियां बरसाईं गईं।
इस मौके पर अपनी पार्टी सुप्रीमो की आजमगढ़ रैली को सफल बनाने का आह्वान किया। बैठक में पार्टी जिलाध्यक्ष रामप्रकाश गुड्डू, नगर पंचायत के निर्वतमान चेयरमैन शशि सोनकर, विधानसभा इकाई अध्यक्ष मोहन कुशवाहा सहित जलालुद्दीन, उमाशंकर यादव, जितेंद्र मानव, राधेश्याम प्रधान, राकेश सिंह, रमेश प्रजापति, अजय पाठक, मनोज सोनकर, आकाश पांडेय, अरविंद जायसवाल आदि थे।