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गाजीपुर के नेताओ व कार्यकर्ताओं से महेंद्र नाथ पांडेय के हैं खट्टे-मीठे रिश्ते!

गाजीपुर। भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के जनपद आगमन पर भाजपाईयों में उत्‍साह है। महेंद्र नाथ पांडेय का इतिहास से लेकर वर्तमान तक का समय जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं से खट्टे-मीठे रिश्‍तों का सदैव उनकों याद दिलाता है। उत्‍तर प्रदेश के राज्यमंत्री के रूप में महेंद्र नाथ पांडेय का सैदपुर में विकास कार्यो का आज भी लोग उदाहरण देते हैं। 

आज भी बड़े नेता आपस में मंथन करते है कि विकास कार्य करने से चुनाव परिणाम कोई असर नही होता है। महेंद्र नाथ पांडेय विकास कार्य किये लेकिन सैदपुर की जनता ने उन्‍हे हरा दिया। भाजपा की जिले में गुटबाजी से लंबे समय से काफी आहत है महेंद्र नाथ पांडेय। कल्‍याण सिंह सरकार में जब वह राज्‍यमंत्री थे तब तत्‍कालीन जिलाधिकारी राजन शुक्‍ला से किसी मुद्दे को लेकर उनसे 36 का आंकड़ा हो गया। 

भाजपा के गुटबाजी के चलते तत्‍कालीन डीएम राजन शुक्‍ला को हाईकमान द्वारा शाबासी मिली, जिससे महेंद्र नाथ पांडेय का जनता में काफी किरकिरी हुआ। जिससे वह अपने आप को काफी अपमानित महसूस किये, यही बात उन्‍हें चुनाव हारने में बड़ा कारण रहा। समय वर्षो में बीतने लगें। मोदी के नेतृत्‍व में भाजपा का केंद्र में सरकार बनी, महेंद्र नाथ पांडेय भी चंदौली संसदीय सीट से सांसद चुने गये। विधानसभा 2017 के चुनाव में सैदपुर विधानसभा में एक चुनावी सभा को केशव मौर्या, मनोज सिन्‍हा के साथ महेंद्र नाथ  पांडेय को संबोधित करना था लेकिन केशव मौर्या दिल्‍ली चलें गये, रेल राज्‍य मंत्री मनोज सिन्‍हा के साथ महेंद्र नाथ पांडेय चुनावी सभा में पहुंचे। 

गुटबाजी के चलते उन्‍हे सबसे अंत में भाषण देने का मौका मिला और जनता सभा छोड़कर चली गयी। जिससे महेंद्र नाथ पांडेय काफी दुखी और नाराज हुए। अब महेंद्र नाथ पांडेय के हाथ में भाजपा प्रदेश की कमान है, देखना यह है कि आने वाले समय वह किस प्रकार जिले में गुटबाजी समाप्‍त कर भाजपा को 2019 में विजय दिलाते है।

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