निकले थे पहली बार लूटने, वांटेड अपराधी के भाई से पड़ गया पाला, जाना पड़ा जेल
गाजीपुर। पहली बार वह तीनों लूटपाट करने निकले थे। इत्तेफाक यह रहा कि अनजाने में जिसे अपना पहला शिकार बनाने के लिए तजबीजे वह कोई सामान्य व्यक्ति नहीं था। मोस्ट वांटेड अपराधी का सगा भाई था। नतीजा तीनों साथियों को जेल जाना पड़ा। वैसे तो यह किस्सा है पड़ोसी जिला बक्सर(बिहार) के चौसा का लेकिन तीनों लुटेरे गाजीपुर के जमानियां कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले हैं।
इनमें सावन सिंह पुत्र इंद्रदेव सिंह बजरंग कॉलोनी स्टेशन रोड, धीरज सिंह पुत्र मुन्ना सिंह बरुइन तथा तीसरा प्रिंस सिंह पुत्र मुन्ना सिंह महुली गांव का है। यह तीनों शुक्रवार की रात बक्सर के चौसा पहुंचे और शिकार तलाशने लगे। उसी बीच राजपुर थाने के संरेजा के मोस्ट वांटेड अपराधी लंगा यादव का भाई चौसा में अपने होटल से घर लौट रहा था। तीनों युवकों ने उसे रोके और असलहे के बल पर उसकी बाइक छिनने लगे। लंगा का भाई भी कम नहीं निकला। वह शोर मचाते हुए उनसे उलझ पड़ा। शोर सुन आसपास के लोग मौके की ओर लपके।
तब तीनों वहां से भागे। कुछ दूर पहुंचे ही थे कि रात में गश्त पर निकली पुलिस की गाड़ी आ गई। संदेह पर पुलिस टीम ने उनसे पूछताछ की। वह बताए कि अपने रिश्तेदार के यहां आए थे और अब वापसी के लिए ट्रेन पकड़ने चौसा स्टेशन जा रहे हैं। पुलिस टीम उन पर बिना शक किए उन्हें जाने को कहे और खुद अपनी गाड़ी आगे बढ़ा लिए। रास्ते में लांगा यादव का भाई कुछ ग्रामीणों के साथ आता दिखा। पुलिस टीम को वह अपने साथ हुई लूट की कोशिश की जानकारी दी। तब पुलिस टीम का माथा ठनका।
गाड़ी बैक कर टीम चौसा स्टेशन से पहले ही उन तीनों युवकों को रोकी और कही कि वह लोग गाड़ी में बैठें। उन्हें चौसा रेलवे स्टेशन पहुंचा देंगे। वह तीनों पुलिस की गाड़ी में बैठ गई। गाड़ी रेलवे स्टेशन के बजाय थाने पहुंची। वहां उन युवकों से पूछताछ शुरू हुई। तलाशी में उनके पास असलहे नहीं मिले। तब तक लांगा का भाई थाने में पहुंच चुका था। वह बताया कि उनके पास असलहे थे। तब पुलिस थर्ड डिग्री का इस्तेमाल शुरू की। युवकों के बताने पर पुलिस अपनी ही गाड़ी की तलाशी ली। उसमें दो तमंचे तथा कारतूस मिले। एक तमंचा लोडेड था। पूछताछ में उन युवकों ने बताया कि यह उनकी पहली कारस्तानी थी।
बाद में बक्सर पुलिस ने गाजीपुर के जमानियां पुलिस को इसकी सूचना दी। बक्सर पुलिस की इस कार्रवाई की पुष्टि जमानियां कोतवाल राजाराम ने की। उन्होंने गाजीपुर न्यूज़ को बताया कि उनकी कोतवाली में उन युवकों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है।