गाजीपुर - पशुओं की जान का खतरा, टीकाकरण का काम ठप
गाजीपुर। पशु पालकों के लिए चिंता की बात है। इस मौसम में होने वाली खुरपका-मुंहपका की बीमारी से उनके पशु मर सकते हैं। उन्हें टीका नहीं लगेगा। पशु चिकित्सक टीकाकरण का काम ठप कर दिए हैं। वह अपनी मांग पर अड़े हैं।
शुक्रवार को लखनऊ में धरना देने के बाद प्रदेश पशु चिकित्सा संघ ने इस आशय की घोषणा की। शासन के आदेश पर टीकाकरण का काम बीते शनिवार से ही शुरू है लेकिन पशु चिकित्सक इससे खुद को दूर कर लिए हैं। पशु चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें नान प्रेक्टिस भत्ता व डायनामिक एसीपी दी जाए। संघ की जिला इकाई की बैठक मंगलवार को हुई।
महामंत्री डॉ. संजय सिंह ने बताया कि पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीब पशु पालकों के पशुओं की निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा खत्म कर दी गई थी। चिकित्सकों को बकायदा फीस लेकर पशुओं के इलाज के लिए स्वतंत्र कर दिया गया था। जाहिर था कि उस दशा में गरीब पशु पालकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा था। मौजूदा प्रदेश सरकार पशुओं के संरक्षण की बात करती है। लिहाजा उसे यह व्यवस्था खत्म कर चिकित्सकों को नान प्रेक्टिस भत्ता देना चाहिए। इस मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. इंदु शेखर मिश्र ने चेताया कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो 25 सितंबर से सभी पशु चिकित्सक हड़ताल पर चले जाएंगे। बैठक में जिले भर के पशु चिकित्सक मौजूद थे। बैठक के बाद नारेबाजी कर उन्होंने अपनी एकजुटता भी दिखाई। मालूम हो कि इस मौसम में खुरपका-मुंहपका रोग का हमला होता है। यह संक्रामक रोग माना जाता है।