गाजीपुर - जमानियां यादव बंधुओं पर हमले में बदमाशों की दो टीमें थीं शामिल!
जमानियां। देवरिया खास के यादव बंधुओं पर मंगलवार की शाम हुए हमले में बदमाशों की दो टीमें शामिल थीं। एक टीम सबसे पहले नन्हकू यादव(40) को जिला मुख्यालय स्थित अकलपुरा(रौजा) में गोली मारी जबकि दूसरी टीम उनके बड़े भाई अरविंद यादव(45) पर देवरिया चट्टी पर अटैक की। हालांकि नन्हकू के हमलावर गोलियां मारने के बाद भागने में सफल रहे जबकि अरविंद यादव के दोनों हमलावरों में एक अनुभव राय(30) को मौके पर ही ग्रामीणों ने ढेर कर दिया जबकि दूसरा शंकर राय(30) कुछ दूर ताजपुर गांव के पास पकड़ा गया।
घटना स्थल का जायजा लेने के बाद कोतवाली में आए पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा ने गाजीपुर न्यूज़ को बताया कि दोनों हमलों में बदमाशों की अलग-अलग टीम थी। फिलहाल दोनों घटनाओं के मामले दो थानों में दर्ज किए गए हैं। नन्हकू पर हमले का मामला शहर कोतवाली में दर्ज हुआ है।
उसमें हमलावर के रूप में शिक्षामित्र संतोष राय उर्फ बबलू पुत्र जगदंबा, विनय राय पमपम पुत्र जयगोविंद, मोहन राय पुत्र जनार्दन तथा राहुल राय पुत्र मुन्ना का नाम है। इसकी साजिश में जयगोविंद राय पुत्र जनार्दन तथा अवनीश राय पुत्र अयोध्या राय साजिशकर्ता हैं। यह सभी देवरिया खास के ही रहने वाले हैं। इधर जमानियां कोतवाली में दर्ज मामले में हमलावरों में मृत अनुभव राय तथा शंकर राय का नाम है जबकि संतोष राय उर्फ बबलू व विनय राय पमपम को साजिशकर्ता बताया गया है। पुलिस इन सभी हमलावरों के घरों तथा संभावित ठिकानों पर दबिश डाल रही है लेकिन अभी इनका कोई सुराग नहीं मिला है।
अरविंद यादव पर हमला करने वाले बदमाशों में मृत अनुभव राय के पास से 315 बोर का तमंचा तथा पांच कारतूस व शंकर राय के कब्जे से नाइन एमएम की पिस्तौल बरामद हुई है। पुलिस कप्तान ने बताया कि दोनों असलहों से फायरिंग हुई है। गहमर थाने के बसुका का रहने वाला अनुभव राय जयराम की दुनिया में पहले से सक्रिय था।
उसके खिलाफ गाजीपुर के रेवतीपुर, सुहवल सहित वाराणसी के कैंट थाने में लूट, छिनैती के मामले दर्ज रहे हैं। उसका पिता हरेराम राय हेरोइन का जानामाना तस्कर रहा है। कभी वाराणसी में उसके कब्जे से करीब तीन करोड़ की हेरोइन बरामद की गई थी। मालूम हो कि यादव बंधुओं में सबसे पहले शाम चार बजे नन्हकू यादव को गोली मारी गई। इधर शाम करीब पांच बजे देवरिया चट्टी पर उनके बड़े भाई अरविंद पर गोली चली। नन्हकू को जिला अस्पताल से वाराणसी रेफर कर दिया गया है। जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। उन्हें तीन गोलियां लगी हैं। पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को पुरानी खूनी अदावत का नतीजा बता रही है।
अरविंद यादव पर वर्ष 2005 में हमला हुआ था। उसमें शिक्षामित्र संतोष राय बबलू मुल्जिम है। मामला कोर्ट में चल रहा है। इसी बीच बीते दस अगस्त को बबलू ने खुद पर गोली चलने का आरोप लगाया। उसमें अरविंद यादव तथा उनके भाई श्रीकांत यादव सहित गांव के मौजूदा प्रधान प्रतिनिधि कमलेश राय को नामजद किया था लेकिन विवेचना में बबलू को गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई। तब पुलिस ने उसकी एफआइआर को स्पंज कर दिया था। माना गया था कि बबलू खुद पर झूठे हमले की घटना की एफआइआर दर्ज करा कर अपने खिलाफ अरविंद यादव पर हमले के चल रहे मुकदमे के लिहाज से पेशबंदी करना चाहा था लेकिन उसकी प्लानिंग फेल हो गई। बबलू राय की पत्नी देवरियां खास की कभी प्रधान रह चुकी है।