दिल्ली में विरोध: सोमवार से जंतर-मंतर पर धरना देंगे यूपी के शिक्षामित्र, आंदोलनकारियों पर विभागीय कार्रवाई की तैयारी
गाजीपुर शिक्षामित्र अपने समायोजन को बनाए रखने के लिए 11 सितंबर से देश की राजधानी में धरना देंगे। वे नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठेंगे। शिक्षामित्रों ने अपने धरने को आमरण अनशन में बदलने की चेतावनी भी दी है।
उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे इसे अनिश्चितकालीन अनशन में तब्दील करेंगे। धरने को सफल बनाने के लिए शिक्षामित्र संघ के नेताओं ने जिलों से लेकर गांव तक में शिक्षामित्रों से मुलाकात कर दिल्ली जाने का आह्वान किया। हर जिले में इसकी तैयारी बैठक भी की गई। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि 50 हजार से अधिक शिक्षामित्र दिल्ली पहुंच रहे हैं। वही शिक्षामित्र संघों के बड़े नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं।
शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है। वहीं उन्हें टीईटी पास करने के बाद ही भर्ती में मौका देने की बात भी फैसले में है लेकिन शिक्षामित्र लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार कानून में संशोधन कर उन्हें समायोजित कर सकती है। वहीं वे शिक्षक बनने तक समान कार्य, समान वेतन की मांग पर अड़े हैं।
उधर सरकार ने आंदोलन कर रहे शिक्षामित्रों पर विभागीय कार्रवाई की भी तैयारी कर ली है। शासन ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी करते हुए सभी शिक्षामित्रों की उपस्थिति का रोजाना का लेखाजोखा मांगा है।
उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे इसे अनिश्चितकालीन अनशन में तब्दील करेंगे। धरने को सफल बनाने के लिए शिक्षामित्र संघ के नेताओं ने जिलों से लेकर गांव तक में शिक्षामित्रों से मुलाकात कर दिल्ली जाने का आह्वान किया। हर जिले में इसकी तैयारी बैठक भी की गई। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि 50 हजार से अधिक शिक्षामित्र दिल्ली पहुंच रहे हैं। वही शिक्षामित्र संघों के बड़े नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं।
शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है। वहीं उन्हें टीईटी पास करने के बाद ही भर्ती में मौका देने की बात भी फैसले में है लेकिन शिक्षामित्र लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार कानून में संशोधन कर उन्हें समायोजित कर सकती है। वहीं वे शिक्षक बनने तक समान कार्य, समान वेतन की मांग पर अड़े हैं।
उधर सरकार ने आंदोलन कर रहे शिक्षामित्रों पर विभागीय कार्रवाई की भी तैयारी कर ली है। शासन ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी करते हुए सभी शिक्षामित्रों की उपस्थिति का रोजाना का लेखाजोखा मांगा है।