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सड़क पर उतरे शिक्षामित्र, जुलूस निकाल लगाए सरकार विरोधी नारे

गाजीपुर। शिक्षक पद पर समायोजन की मांग को लेकर आंदोलित शिक्षामित्रों का तेवर गुरुवार को और तल्ख रहा। संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विकास भवन में धऱना-प्रदर्शन के बाद जुलूस निकाले। 

जुलूस सिंचाई विभाग चौराहा से लंका हाइवे पर पहुंचा। वहां कुछ देर रास्ता जाम करने के बाद जुलूस सकलेनाबाद से बीएसए कार्यालय महुआबाग पहुंचा। जहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। फिर जुलूस प्रधान डाकघर के रास्ते कलेक्ट्रेट पहुंचा और मुख्यमंत्री को संबोधित एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। 

इस मौके पर मोर्चा के अध्यक्ष रामप्रताप यादव ने कहा कि एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का भविष्य अंधाकरमय हो गया है। १६ सालों से लगातार शिक्षामित्र विद्यालयों में अपनी सेवा दे रहे हैं। आधी उम्र निकल चुकी है। इस दशा में उन्हें दूसरा रोजगार मिलना संभव है। संरक्षक अशोक राय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों के पीठ में छूरा घोंपा है। दस हजार रुपये का मानदेय देकर वह शिक्षामित्रों को झुनझुना थमना रहे हैं। यह शिक्षामित्रों के स्वाभिमान पर हमला है। सरकार के लिए अब भी वक्त है कि अपना दस हजार रुपये मानदेय का आदेश वापस लेकर शिक्षामित्रों के शिक्षक पद पर समायोजित करे। जुलूस, प्रदर्शन में मंजय, बृजनाथ, मनौद, मनोज, श्याम अवध, डिंपल राय, माया साहू, नाजिया, मंजू सिंह, प्रमिला, संजय राय, सुदेश, अशोक सिंह, आशीष, सुभाष प्रजापति, कृष्णकांत, राजबली आदि थे।
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