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सरकारी फ्लैक्स आग के हवाले कर अपना गुस्सा जताए शिक्षामित्र

गाजीपुर। प्रदेश सरकार का दस हजार रुपये मानदेय देने का निर्णय शिक्षामित्रों को मान्य नहीं है। वह इसको लेकर गुस्से में हैं। प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले बुधवार की दोपहर विकास भवन कैंपस में सभी एकत्र हुए और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। 

सरकार के दस हजार रुपये मानदेय के आदेश की प्रति फूंक दिए। साथ ही मौके पर सरकार की योजना के लगे फ्लैक्स नोंच कर उसी आग में झोंक दिए। संगठन के जिलाध्यक्ष रामप्रताप यादव ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि मंगलवार को लखनऊ में प्रदेश नेतृत्व समूह से शासन की बात हुई। शासन ने तब कुछ और वादा किया। उसके बाद कैबिनेट की बैठक में दस हजार रुपये मानदेय तय कर दिया। 

वह भी मात्र शिक्षा सत्र के ११ माह का। सरकार का यह निर्णय शिक्षामित्रों के साथ सरासर धोखा है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों ने अपने जीवन के बहुमूल्य 17 साल बच्चों को शिक्षत करने में खपा दिया और उसके एवज में सरकार उन्हें बीच राह छोड़ दी। भाजपा विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में कही थी कि शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित किया जाएगा लेकिन सत्ता में आने के बाद उसे शिक्षामित्रों की सुधि नहीं रही। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक पद पर समायोजन को खारिज कर दी लेकिन भाजपा सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। शिक्षामित्र इस गंभीर मसले पर चुप नहीं बैठेंगे। आखिर दम तक वह अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। दिल्ली तक पहुंचेंगे। इस मौके पर माया साहू, प्रितम साहू, प्रमिला, नाजकमाली, तरनुम्म, दीना दूबे, सुरेश, राघवेंद्र कुशवाहा, गीता आदि थे।
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