योगी सरकार इस साल सवा लाख लोगों को देगी नौकरी, जानें किस विभाग में हैं कितनी वैकेंसी
Sarkari Naukri : उत्तर प्रदेश में इस साल सवा लाख Sarkari Naukri मिलेंगी।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इस साल सवा लाख Sarkari Naukri मिलेंगी। विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। ऐसा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदितनाथ ने छः माह पूरा होने पर सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल सवा लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी। आइये हम आपको बताते हैं कि किस विभाग में कितनी भर्तियां निकलेंगी।
पुलिस भर्ती (UP Police)
युवाओं के लिए पुलिस विभाग में डेढ़ लाख पद रिक्त हैं। इसमें से 47 हज़ार भर्ती इसी साल कराई जाएगी। इन 47 हज़ार में 5000 दरोगा और 42 हज़ार दरोगा के पद शामिल हैं। इन सभी पदों पर जल्द ही भर्तियां कराई जाएंगी। तीन साल में डेढ़ लाख युवाओं को पुलिस विभाग में नौकरियां मिलेंगी ।
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अधीनस्थ सेवा भर्ती आयोग (Subordinate service recruitment commission)
इस साल अधीनस्थ सेवा भर्ती आयोग में कुल 65 भर्तियां होंगी। इसके साथ ही साथ राज्य लोक सेवा आयोग और उच्चतर सेवा चयन बोर्ड (State Public Service Commission and Higher Selection Board) से भी भर्तियां कराई जाएंगी। भर्ती मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब नौकरियों में पक्षपात, जातिवाद, भ्रष्टाचार नहीं होगा।
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बता दें की इससे पहले आयोग ने लगभग 40 हजार वेकन्सी निकली थीं जिनमें से 25 हजार पदों पर भर्तियां की गई तथा करीब 15 हजार पदों पर भर्ती की कार्रवाई इंटरव्यू के समय रोकी गई। अभी फ़िलहाल करीब 65 हजार पदों पर भर्तियों के लिए प्रस्ताव आ चुके हैं। आयोग का गठन होते ही भर्तियां शुरू हो जाएंगी।
राज्य लोक सेवा आयोग (State public service commission)
राज्य लोक सेवा आयोग में भर्तीयों पर काफी विवाद हुआ है। सरकार ने मार्च 2012 से मार्च 2017 तक हुई सभी भर्तियों की सीबीआई जांच का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि नई भर्तियों पर रोक नहीं लगाई है, जल्द ही इन विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
माध्यमिक व उच्चतर सेवा चयन बोर्ड (Secondary and higher service selection board)
इस विभाग में भर्तियां होगी। फ़िलहाल अभी इन विभागों के चेयरमैन का इस्तीफा हो चुका है।जल्द इन ही दोनों विभागों की चेयरमैनों की नियुक्ति की जाएगी उसके बाद भर्तियां शुरू की जाएंगी।
साथ ही आपको बता दें कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से यूपी के सभी शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द हो चुका है। बीते दिनों यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बातचीत में कोई नतीजा न निकलने के बाद से सभी शिक्षा मित्र अब आर-पार के मूड में आ गए हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षा मित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। शिक्षा मित्रों की मांग है कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार कानून में संशोधन करे और उन्हें समायोजित करे। जब तक सरकार उनकी ये मांगें नहीं मानेगी, वह ऐसे ही सड़कों पर प्रदर्शन करते रहेंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले दिनों में यूपी की योगी सरकार शिक्षा मित्रों के लिए भी कोई खुशखबरी लेकर आएगी या इनको शिक्षा मित्र बनकर ही काम करना पड़ेगा।