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मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे निजी अस्पताल

सैदपुर (गाजीपुर) प्रदेश के विभिन्न जनपदों के चिकित्सालयों में बीते दिनों अधिक संख्या में हुई नवजातों की मृत्यु के बाद नींद से जागी प्रदेश सरकार चिकित्सा व्यस्था में सुधार के लिये थोड़ी गंभीरता दिखा रही है, लेकिन सरकार की इस गंभीरता से धरातल पर कोई विशेष सुधार होता नहीं दिख रहा है। इस मामले में ग़ाज़ीपुर न्यूज़ द्वारा की गई पड़ताल में क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था में जो खामियां मिलीं है, उससे यही पता चला है कि स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की मिली भगत से इस क्षेत्र में लोगों की जान जोखिम में डालकर बड़ी धांधली की रही है। 

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम ने पड़ताल में पाया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सिंगहोम का लाइसेंस देने में बड़ी धांधली की गई है। नगर में स्वास्थ्य विभाग ने कुल 7 नर्सिंगहोम के लाईसेंस दिये है। जिसमें सिर्फ एक ही नर्सिंग होम ऐसा है जो लाईसेंस के ज्यादातर मानकों को पूरा करते दिखा। तीन नर्सिंगहोम ऐसे मिले जो 8 बाई 8 के शटर लगे कमरे में दो दो बेड लगाकर सामान्य और इमरजेंसी वार्ड चला रहे है। 

इसके साथ ही इन नर्सिंगहोमों ने जिस डाक्टर के नाम पर लाईसेंस लिया है। वह डाक्टर कभी उसमें बैठेते ही नहीं है। बाकी के चार नर्सिंग होम रिहायसी मकान को किराये पर लेकर उसके विभिन्न कमारों में गंदगी के बीच गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन आदि अरपरेशन करते है। इनमें से भी सिर्फ दो नर्सिंग होम के पास बायोमेडिकल वेस्ट का अनापत्ती प्रमाण पत्र है। जबकी सीएमओ ने बिते दिनों जनपद के सभी नर्सिंगहोम संचालकों को नोटिस भेजकर निर्देश दिया था कि बिते शनिवार तक सभी बायोमेडिकल वेस्ट का क्लियरेंस ले ले, अन्यथा उनका लाईसेन्स निरस्त कर दिया जायेगा। बावजूद इसके नगर स्थित कई नर्सिंगहोमों के बाहर सड़क पर ही बायोमेडिकल कचरा फेंका जा रहा है, जो स्वस्थ लोगों के लिये भी बेहत खतरनाक है। 

इसके अलावा नगर स्थित ज्यादातर नर्सिंगहोमों में पेशेवरों के बजाय नर्सिंगहोम संचालक के रिस्तेदार मरीजों को ड्रिप लगाने, खून निकालने, मरहम पट्टी करने के साथ ही आपरेशन थियेटर में डाक्टर की मदद करने में लगे मिले। जो मरीजों की जान से खिलवाड़ है। इसी प्रकार कुछ नर्सिंगहोम संचालक मेडिकल स्टोर का लाईसेंस लिये बिना ही परिसर में मेडिकल स्टोर भी चलाते मिले। कुछ डाक्टर जिन्होंने मेडिकल की डिग्री ली है आयुर्वेद से और नवजातों आदि की चिकित्सा पूरी तरह से ऐलोपैथ पद्धति से करते मिले। कुछ डाक्टर क्लिनिक का लाईसेंस लेकर उसकी आड़ में 10 से 15 बेड का नर्सिंगहोम चलाते मिले। 

नगर के कई समाज सेवियों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को जनता ने भ्रष्टाचार, अपराध पर लगाम तथा शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के नाम पर वोट दिया है। अगर अब भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर नकेल नही कस पाये तो जनता का भाजपा पर से विश्वास उठ जायेगा। इस मामले में नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधिक्षक डा. संजीव सिंह ने कहा कि हमें कोई जानकारी नही है। सीएमओ कार्यालय से ही लाईसेंस जारी होता है, वहीं की टीम जांच कर लाईसेंस देती है। मुझे सीएमओ कार्यालय से जो निर्देश मिलता है, मै सिर्फ उसका पालन करता हूँ।
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