गाजीपुर में रफ्तार का कहरः दुकान में घुसा ट्रक, पिता सहित दो मासूम की मौत
गाजीपुर जिले के एक गांव में शनिवार दोपहर रफ्तार का कहर देखने को मिला। नंदगंज थाना क्षेत्र के पहाड़पुर चट्टी पर शनिवार को बेकाबू ट्रक शनिवार को साइकल की दूकान में घुस गया। इससे साइकिल बनवा रहे खांवपुर देवकली निवासी विनोद बनवासी और उनके दो मासूम बच्चों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी फुला देवी गंभीर रूप से घायल हो गई।
घायल महिला को इलाज के लिए नंदगंज अस्पताल में भेजा गया, जहां हालत नाजुक होने पर उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया है।
घटना से नाराज ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-29 पर चक्काजाम कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर तथा कई थानों की फोर्स ने लोगों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया।
सैदपुर कोतवाली के खांवपुर गांव निवासी विनोद बनवासी अपने दो बच्चे कुसुम (2) और अर्जुन (5) और पत्नी फूला देवी के साथ साइकल से अपने ससुराल सौरम थाना नंदगंज जा रहा था। पहाड़पुर चट्टी के पास वह दोनों बच्चों को साइकल पर बैठाकर पति-पत्नी पैदल ही जा रहे थे।
वह जैसे ही मुनीलाल की साइकिल की दूकान के पास पहुंचे अनियंत्रित ट्रक बेकाबू हो दूकान में घुस गया। ट्रक ने दो मासूम बच्चे तथा पिता विनोद बनवासी को कुचल दिया। तीनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। उधर हादसे में पत्नी फूला देवी गंभीर रूप से घायल हो गई।
फूला को पहले नंदगंज पीएचसी पर लाया गया, इसके बाद हालत नाजुक देख उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। मृतक ईंट-भट्ठे पर मजदूरी का काम करता था। पुलिस ने मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक जिला मुख्यालय से वाराणसी की तरफ जा रहा था।
हादसे के बाद नाराज ग्रामीणों ने वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। सूचना पर नंदगंज, करंडा, साजियाबाद तथा सैदपुर कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंच गई। घटना के एक घंटे बाद मौके पर उपजिलाधिकारी सदर सत्यम मिश्रा मौके पर पहुंचे।
एसडीएम ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराने तथा ट्रक चालक के विरुद्ध कार्रवाई के आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ। घटना के बाद मृतक विनोद बनवासी का भाई लालमनि ने नंदगंज थाने में ट्रक चालक के विरुद्ध तहरीर दी है।
इस आधार पर चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उधर हादसे के बाद ग्रामीणों ने ट्रक मालिक/चालक की जमकर पिटाई कर दी और उसे एक कमरे बंद कर दिया था। बाद में पुलिस के पहुंचने पर उसे सौंपा दिया गया।