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डीएम संजय कुमार खत्री गए रायबरेली, अब के बालाजी संभालेंगे जिम्मेदारी

गाजीपुर। डीएम संजय कुमार खत्री का तबादला इसी पद पर रायबरेली के लिए हो गया है। इनकी जगह के बालाजी की तैनाती की गई है। बालाजी अब तक शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन योजना के प्रशासक रहे हैं। इस आशय का आदेश गुरुवार की रात शासन ने जारी किया। वह मूलतः तमिलनाडू के तिरुचिपल्ली के रहने वाले हैं। वर्ष 2010 बैच के आईएएस अफसर हैं और इंजीनियरिंग में चेन्नई से स्नातक की डिग्री लिए हैं। आईएएस बनने के बाद बतौर प्रशिक्षु झांसी में उनकी तैनाती हुई। 

उसके बाद बस्ती में एसडीएम रहे। उसके बाद आगरा में सीडीओ रहे। वहां से उनका तबादला स्वास्थ्य विभाग में विशेष सचिव पद पर हुआ। बलिया के सीडीओ पद भी संभाले। औद्यिग विकास,कानपुर के एमडी रहे। डीएम औरैया रहे। ग़ाज़ीपुर न्यूज़ से बातचीत में श्री बालाजी ने बताया कि  शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन योजना के प्रशासक पद का कार्यभार सौंप चुके हैं। उन्होंने कहा कि निर्वतमान गाजीपुर डीएम संजय खत्री बैच मेट हैं और उनके अनुभव का लाभ उन्हें जरूर मिलेगा। 

बताए कि बलिया में सीडीओ रहते त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव वही कराए थे। कहे कि जल्दी ही वह गाजीपुर डीएम के पद का कार्यभार संभालने के लिए रवाना होंगे। इसी बीच गाजीपुर डीएम ऑफिस से बताया गया कि नए डीएम को लेने के लिए सरकारी गाड़ी रवाना हो चुकी है। अब बात संजय खत्री की। पूर्ववर्ती सपा सरकार में झांसी के सीडीओ रहे श्री खत्री की गाजीपुर डीएम पद पर तैनाती हुई थी। वह 29 मार्च 2016 को पद संभाले थे। जाहिर है कि डीएम पद पर इनकी पहली तैनाती थी। गाजीपुर में उन्होंने अपने पद की जिम्मेदारी बखूबी संभाले। बीते विधानसभा चुनाव में उन पर कई बेजा दबाव भी पड़े। बावजूद वह विचलित नहीं हुए। निष्पक्ष चुनाव कराए। विकास के मामले में भी उनका गाजीपुर के लोग नाम लेंगे। 

नगर के सभी प्रमुख चौराहों का वह सुंदरीकरण कराए। पिछले साल आई बाढ़ की आपदा में कोई बड़ी तबाही नहीं हुई। यह भी उनकी पहले से तैयारी का ही नताजा था। बाढ़ पीड़ित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने को लेकर भी कुछ ज्यादा ही संजीदे थे। यहां तक कि हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाने का इंतजाम कराए। सरकारी कामकाज में वह चाहते थे कि ऊपर से लगायत नीचे तक के कर्मचारी अपनी रोजमर्रा के काम को डायरी में दर्ज करें। हर बैठक में उन्हें ताकिद करते रहते थे। इनकी न्यायप्रियता व कुशल कार्यशैली के चलते ही कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर खफा हो गए। इतना कि जनाब प्रोटोकॉल तोड़ कर उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन का ऐलान कर दिए। बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची लेकिन वह भी श्री खत्री के कार्यों से संतुष्ट थे। 

श्री खत्री को तत्काल हटाने की  अपने सहयोगी मंत्री की मांग को नजरअंदाज कर दिए। कई माह बाद जब मुख्यमंत्री आईएएस अफसरों की रुटीन तबादले की कार्यवाही किए तब श्री खत्री को गाजीपुर से हटाए और इससे भी अहम जिला रायबरेली के डीएम की जिम्मेदारी सौंपे। 

हालांकि कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर तथा उनके लोग श्री खत्री के तबादले को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं लेकिन गाजीपुर के लोग हकीकत जान रहे हैं। इन्हें पता है कि 36 आईएएस अफसरों के फेरबदल की सूची में श्री खत्री को भी शामिल कर लिए। वह भी इन्हें रायबरेली का डीएम बनाए जिसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी वहां की सांसद हैं।
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